बीजेपी ने अब तक एक मुसलमान को टिकट नहीं दिया … हालांकि, यूपी के चुनावी मैदान में एक मुसलमान बीजेपी के साथ डट कर खड़ा है
बीजेपी ने यूपी के चुनावी मैदान में अब तक जितने उम्मीदवारों को उतारा है उनमें एक भी मुसलमान नहीं है। वैसे एक मुसलमान है जो इस चुनाव में बीजेपी के साथ डट कर खड़ा है। यह मुसलमान वह शख्स है जो 2014 बाद पहली बार बीजेपी के समर्थन में चुनाव भी लड़ेगा।
हैदर अली खान कोई मामूली इंसान नहीं है। 13 जनवरी को कांग्रेस पार्टी ने इन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया था लेकिन हैदर ने कांग्रेस छोड़ अपना दल का दामन थाम लिया। अब चूंकि अपना दल बीजेपी के साथ गठबंधन में है, इसलिए बीजेपी उन्हें सपोर्ट कर रही है। आइए, आपको हैदर अली खान के बारे में बताते हैं।
हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां
हैदर 32 साल के हैं। रामपुर राजघराने से हैं। कांग्रेस नेता नूर बानो के नाती हैं। नूर बानो रामपुर से दो बार सांसद रही हैं। इनके पापा का नाम नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां है। कांग्रेसी हैं। 4 बार विधायक बन चुके हैं।
राज्य मंत्री भी रहे हैं। रामपुर सदर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। नावेद मियां यूपी के सबसे अमीर प्रत्याशियों में से एक भी हैं। इनके पास 2 अरब 96 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। कुल संपत्ति में से 2 करोड़ घटा देंगे तो बाकी संपत्ति विरासत में मिली है।
लंदन रिटर्न हैं
हैदर अली खान ने लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। एसेक्स यूनिवर्सिटी, लंदन में भी पढ़े हैं। विदेश जाने से पहले दिल्ली के मॉडर्न स्कूल में पढ़ाई की थी।
अंग्रेजी में ज्यादा बतियाते हैं लेकिन हिंदी में बोले, ‘आजम दंगे कराते हैं’
हैदर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘स्वार की जनता उनके साथ है। बंपर जीत होगी। योगी महाराज के काम से बहुत ज्यादा प्रभावित हूं। आजम खान तो दंगे कराते हैं। मैं सिर्फ विकास की बात करता हूं। योगी सरकार आ रही है, 300 पार आ रही है।’
2014 के बाद पहली बार यूपी में बीजेपी किसी मुस्लिम को सपोर्ट कर रही है
असल में यूपी में बीजेपी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है। अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने हैदर अली को रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से टिकट दिया है। 2014 के बाद से यूपी में ऐसा पहली बार हुआ है कि भगवाधारी NDA गठबंधन ने किसी मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतरा है।
2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 9 में जीत हासिल हुई थी। इस बार अनुप्रिया पटेल का अपना दल 19 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इनमें से एक सीट स्वार भी है।
स्वार सीट का गणित
स्वार सीट में मुस्लिम ज्यादा हैं। यहां 2002 से 2017 तक हैदर के पापा ही विधायक रहे हैं लेकिन पार्टी कांग्रेस थी। 2017 में हैदर के पापा फिर से चुनाव लड़े, लेकिन जेल में बंद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान से 65,000 से अधिक वोट से चुनाव हार गए थे। हारे तो हारे, तीसरे स्थान पर रहे।
दूसरे नंबर पर बीजेपी की लक्ष्मी सैनी रहीं। इस बार पापा की जगह बेटा हैदर चुनाव लड़ रहा है। पार्टी बदल गई है। विरोधी वही हैं। समाजवादी पार्टी के अब्दुल्लाह आजम खान। आगे का मामला 10 मार्च को बताएंगे।