उन्नाव में गंगा में गिर रहे गंदे नाले:नमामि गंगे परियोजना के तहर खर्च हो गए करोड़ों रुपये, नहीं लग सकी रोक, जिम्मेदार अंजान
उन्नाव में गंगा में गिर रहे नालों पर आज तक रोक नहीं लग सकी है। मिश्रा कॉलोनी से लेकर जाजमऊ स्थित चंदन घाट तक दो दर्जन से अधिक छोटे बड़े नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं। जिससे घाट किनारे का पानी न ही डुबकी लगाने लायक बचा है और न ही आचमन के। गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हर साल लाखों की संख्या में लोग घाट पर पहुंचते हैं। सभी को गंगा में सीधे गिर रहे नालों पर रोक लगने का इंतजार है।
गंगा को स्वच्छ रखने के लिए केन्द्र सरकार ने नमामि गंगे परियोजना शुरू कर रखी है। इसके तहत करोड़ों रुपया पानी में बहा दिया गया, लेकिन गंगा साफ नहीं हो सकी। जबकि कई बार एनजीटी ने पालिका को गंगा में गिर रहे नाले बंद किये जाने को लेकर नोटिस भी दे चुकी है। इसके बावजूद पालिका क्षेत्र के सारे नाले धड़ल्ले से गंगा में गिर रहे हैं। घाट किनारे बस्ती का पानी भी गंगा तक पहुंचता है। इसमें सीवरेज का पानी भी शामिल होता है। ऐसे में पतित पावनी के जल को श्रद्धालु कैसे आंचमन करेंगे। यह श्रद्धालुओं के भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है।
गंगा में गिर रहे गंदे नाले
वर्तमान समय में गंगा का जलस्तर भी कम है। जिससे पानी में गंदगी साफ दिखाई देती है। जब भी कोई बड़ा गंगा स्नान पर्व होता तो पालिका गंगा में गिर रहे नालों की टेपिंग कराकर प्रदूषित पानी को जाने से रोकने की कवायद करती है। एनजीटी भी कोई ठोस कदम नहीं उठाती। जिससे धरातल पर गंगा साफ कैसे हों। नेहरू नगर के रहने वाले राजेश वाजपायी बताते हैं कि सरकार सिर्फ कागजों पर ही गंगा सफाई अभियान चला रही है हकीकत में गंगा घाट में नाले गिर रहे हैं, इशांत तिवारी कहते हैं कि गंगा घाट में एसटीपी प्लांट बनाने का काम पिछले कई सालों से चल रहा है बनकर तैयार हो जाता तो शायद यह नाले गंगा में न गिरते।