करिअर दिशा … पढ़ाई के मामले में दुनिया भर के ट्रेंड को समझते हुए बनाएं अपनी प्लानिंग
विदेश में पढ़ाई करना अपने आप में जीवन को बदलने वाला अनुभव होता है। हालांकि, अब्रॉड में स्टडी करते समय कुछ अहम बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी रहता है। सबसे पहली बात जो जरूरी है वह है सही यूनिवर्सिटी या फिर कॉलेज, जहां आपको पढ़ाई करनी है। इसमें प्रोजेक्ट एक्सपोजर, इंटर्नशिप अपॉर्चुनिटी और कैंपस के माहौल के बारे में खासतौर से ध्यान देने की जरूरत होती है। यूनिवर्सिटी की मान्यता और उसकी दुनियाभर में प्रतिष्ठा के बारे में भी जान लेना चाहिए, ताकि कोर्स पूरा होने के बाद आपको आगे करिअर बनाने में कोई दिक्कत न हो। इसके अलावा पूरा कोर्स करने में कितनी लागत आ रही है, आपका बजट उतना है कि नहीं, इन सब बातों पर भी गौर कर लेना चाहिए। कहीं ऐसा तो नहीं कि आप कम लागत में दूसरी यूनिवर्सिटी में ज्यादा बेहतर कोर्स कर सकती थीं।
बदलते जमाने के साथ चुनें नए कोर्स
यूनिवर्सिटी में लगातार नए कोर्स लांच किये जाते हैं, हालांकि ये हर जगह उपलब्ध नहीं होते। स्पेशलाइज कोर्स के लिए पहले ही संपर्क बना लें। आप शुरुआत में ही कोर्स सेलेक्ट कर अपना समय बचा सकते हैं।
आवेदन की रखें सही जानकारी
एक बार कोर्स चुनने के बाद आपको वह देश चुनना चाहिए जहां आप पढ़ाई करना चाहते हैं। हर देश में किसी कोर्स के लिए आवेदन करने के नियम अलग हो सकते हैं। कुछ देशों में एक से अधिक कॉलेज के लिए भी एक ही आवेदन काफी होता है, जबकि कई देशों में आपको हर कॉलेज में अलग से आवेदन करना होता है।

यूनिवर्सिटी और वीजा भी है अहम
आप अपने बजट और यूनिवर्सिटी के रेपोटेशन के हिसाब से इसका चयन कर सकते हैं। आप वहां के फैकल्टी और प्लेसमेंट रिकॉर्ड को भी देख सकते हैं। पांच-दस कॉलेजों की एक लिस्ट तैयार करें और सावधानी से किसी एक कॉलेज को चुनें। इस बीच आपको सामाजिक और सांस्कृतिक चुनौतियों से भी जूझना पड़ता है। मसलन आपने पढ़ाई के लिए किसी देश को चुना और आपके परिवार के लोग चाहते हैं कि आप वहां ना जाएं। यह भी ध्यान रखें हर देश में आपको पढ़ाई के बाद काम करने के लिए वीजा नहीं मिलता।
आखिर में
पढ़ाई के मामले में दुनिया भर के ट्रेंड को भी समझ लेना बेहतर होता है। उदाहरण के तौर पर जर्मनी को ऑटोमाबाइल का हब माना जाता है। ऐसे में मैकेनिकल और ऐसे ही संबंधित कोर्स के लिए यहां स्टडी करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसी तरह कंप्यूटर साइंस और आईटी से जुड़े कोर्स करने के लिए यूएसए को प्रीफरेंस दिया जा सकता है।