आखिर चुनाव में ही शराब कांड क्यों, एक साल में दूसरी घटना, पुलिस की संलिप्तता भी हो चुकी है उजागर
अहरौला थाना क्षेत्र में हुए जहरीली शराब कांड ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है। आमतौर पर चुनाव के समय सतर्कता बढ़ा दी जाती है। शराब बिक्री रोकने और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीमें भी लगाई जाती हैं लेकिन पिछले दो चुनाव से आजमगढ़ में जहरीली शराब से मौत का तांडव हो रहा है लेकिन पुलिस पूरी तरह फेल है। वर्ष 2021 में पंचायत चुनाव के दौरान जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस की संलिप्तता सामने आयी थी। अब विधानसभा चुनाव के दौरान भी शराब लोगों के मौत का कारण बन रह
आजमगढ़. जिले में शराब का अवैध कारोबार कोई नई बात नहीं है लेकिन सरकारी ठेके पर भी अब जहरीली शराब बेचने का खेल शुरू हो गया है। पिछले दो साल में यह दूसरी घटना है जब ठेके से शराब खरीदकर पीने के बाद लोगों की मौत हुई है। ठेके पर जहरीली शराब की बिक्री की घटनाओं से अब सिस्टम पर भी सवाल उठ रहे हैं। कारण कि पिछले वर्ष शराब कांड की जांच में छींटे पुलिस पर भी पड़े थे। पूर्व में भी इस तरह की घटनाएं हुई है लेकिन तब एकाध लोगों की ही मौत हुई थी लेकिन रविवार की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है।