युद्ध से नोएडा में खड़ा हुआ बड़ा करोबारी संकट …. 12 हजार गारमेंट यूनिट पर पड़ा असर, सालाना होता है 6000 करोड़ का कारोबार

रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध का सबसे ज्यादा असर नोएडा के कारोबारियों पर पड़ा है। दोनों देशों के बीच नोएडा से सालाना करीब 6 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होता है। ये कारोबार गारमेंट , फार्मासिटिकल, मैटल, गैस, सन फ्लावर आयल से संबंधित है। अकेले नोएडा की 12 हजार गारमेंट यूनिट दोनों देशों के लिए गारमेंट सेक्टर का मॉल तैयार कर एक्सपोर्ट करती है।

इंडियम इंडस्ट्री एसोसिएयशन (आईआईए ) ने बताया कि युद्ध के हालात बनने से ही 40 प्रतिशत व्यापार में कमी आई। युद्ध शुरू होने के साथ ही नोएडा में यूक्रेन के साथ कारोबार करने वाले उद्यमियों की चिंता को बढ़ा दिया है। बताया गया कि यूक्रेन से वर्तमान में कारोबार महज 100 करोड़ के आसपास ही रह गया है।

गारमेंट सेक्टर को तगड़ा झटका आधे से कम हुए आर्डर
आईआईए के वाइस प्रेसिडेंट और नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष राजीव बंसल ने बताया कि रूस और यूक्रेन के तनातनी से कारोबार में गिरावट आ रही है। एक्सपोर्ट आधा रह गया है। आर्डर मिल नहीं रहे है। ऐसे में तीन से चार महीने में क्राइसेस आना स्वाभाविक है। हालांकि विकल्प के लिए एक्सपोर्टस यूरोप और अफ्रीकी देशों की कंपनियों से संपर्क साध रहे है।

राजीव बंसल
राजीव बंसल

10 से 15 प्रतिशत बढ़ा रॉ मटैरियल (धातु)

नोएडा एंटरर्पिन्योर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मल्हन ने बताया कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का असर देश के इंपोर्ट सेक्टर पर पड़ेगा। रूस से करीब 35 फीसद मैटल जिसमे इस्पात, कापर, स्टील के अलावा तमाम धातु है जिसे इंपोर्ट किया जाता है। विगत दो महीनों में दोनों देशों के बीच तनातनी से कच्चा मॉल लीथियम, टिन सरिया के दामों में 10 से 14 फीसद तक बढ़ोतरी हो चुकी है। आगामी तीन महीनों में क्या हालात होंगे इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है।

विपिन मल्हन
विपिन मल्हन

दो महीने में बढ़ रहा कच्चा माल का भाव (प्रतिकिग्रा)

  • एल्यूमिनियम 78 रुपए से बढ़कर 136 रुपए
  • ब्रास 370 रुपए से बढ़कर 440 रुपए
  • कॉपर 470 रुपए से बढ़कर 570 रुपए
  • ब्रांज 570 रुपए से बढ़कर 670 रुपए
  • जिंक 190 रुपए से बढ़कर 230 रुपए
  • एमएस 48 रुपए से बढ़कर 57 रुपए
  • स्टेलनेस स्टील 145 रुपए से बढ़कर 160 रुपए

एक नजर में भारत का युक्रेन व रूस से व्यापार

आईआईए नोएडा चैप्टर के राजीव बंसल ने बताया कि भारत सबसे अधिक सनफ्लावर खाद्य तेल का इंपोर्ट यूक्रेन से करता है। ये प्रभावित होने से पाम ऑयल के दाम में भी तेजी आ सकती है। जानकारों ने बताया कि वर्ष 2021 में भारत ने 18.9 लाख टन सनफ्लावर खाद्य तेल का इंपोर्ट किया था और इस आयात में 74 फीसद हिस्सेदारी यूक्रेन की थी। इस साल जनवरी में ही भारत ने 3.07 लाख टन सनफ्लावर तेल का आयात किया है। वित्त वर्ष 2019-20 में भारत व यूक्रेन के बीच 2.52 अरब डॉलर का कारोबार किया गया था। भारत यूक्रेन में सबसे अधिक फार्मा का निर्यात करता है।

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