यूपी चुनाव …. हत्या के आरोपी 5 विधायकों की कहानी …
सपा के 3 और बीजेपी के 2 जीते हुए विधायकों पर मर्डर-चार्ज, एक पर किसान को पीट-पीटकर मारने का आरोप…..
यूपी चुनाव के नतीजों के बाद एडीआर ने अपनी रिपोर्ट अपडेट की है। एडीआर मतलब एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स। विधायकों पर लगे आरोप, केस और संपत्ति का डाटा यहीं से मिलता है। इस संस्था ने बताया कि यूपी के 403 विधायकों में 205 ऐसे हैं जिन पर कोई न कोई मुकदमा दर्ज है। उनमें 5 ऐसे हैं जिन पर हत्या के मामले दर्ज हैं। हम यहां उन्हीं 5 मामलों को बता रहे हैं। पहले सपा के 3 विधायकों के बारे में पढ़िए…
1. सपा के अभय सिंह: विधायक रहे कृष्णानंद राय समेत 3 हत्या के मामलों के आरोपी हैं
सपा के अभय सिंह अयोध्या के गोसाईगंज सीट से विधायक हैं। सबसे पहले लखनऊ के जेलर आरके तिवारी हत्याकांड में अभय सिंह का नाम आया। जेल में बंद विधायक का जेलर के साथ विवाद हुआ था। राजभवन के सामने जेलर की गोली मारकर हत्या की गई थी।
2005 के कृष्णानंद राय हत्याकांड में अतीक अहमद के साथ अभय सिंह समेत 6 लोग शामिल थे। साल 2010 में परिवार कल्याण विभाग के सीएमओ विनोद आर्या की हत्या हुई। विभाग के ठेकों की वजह से अभय सिंह पर सीएमओ की हत्या करवाने का आरोप लगा।
2. सपा के रामखिलाड़ी यादव: एक व्यक्ति की पीटकर हत्या का आरोप है
सपा के रामखिलाड़ी यादव संभल के गुन्नौर से विधायक हैं। इन्होंने घोसली राजा गांव के निवासी पान सिंह का अपहरण किया। इसके बाद उस आदमी को पीट-पीटकर बीच रास्ते में अधमरा छोड़ दिया।
अस्पताल में पीड़ित व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई। मामला 11 जनवरी 2018 का है। पुलिस ने विधायक समेत 5 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
3. सपा की पूजा पाल: एक शख्स की हत्या का आरोप है
सपा की पूजा पाल कौशांबी के चायल से विधायक हैं। प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके में ललित वर्मा नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
3 फरवरी 2016 को पूजा पाल और उनके भाई राहुल पाल समेत 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उस समय पूजा पाल बसपा से विधायक थी। प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर हत्या की वजह बताया गया।
दो विधायक और हैं, दोनों बीजेपी के हैं।
4. बीजेपी के रामपाल वर्मा: दो व्यक्तियों की हत्या का आरोप है
बीजेपी के रामपाल वर्मा हरदोई के बालामऊ से विधायक हैं। इन पर कुल 2 हत्या के मुकदमे दर्ज हैं। मामला साल 1975 और 1981 का है। मामले को 17 अक्टूबर 1981 में क्राइम ब्रांच-क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CB-CID) को सौंप दिया गया था। अभी तक कोई चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है।
विधायक रामपाल अलग-अलग पार्टियों के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। वो लगातार 9वीं बार विधायक बने हैं।
5. बीजेपी के अरविंद गिरि: बचपन में ही हाथों में उठा ली थी बंदूक
बीजेपी के अरविंद गिरि लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ से विधायक हैं। आईपीसी की धारा 302 के तहत विधायक पर हत्या का मुकदमा दर्ज है।
विधायक ने एक व्यक्ति को गोली मार दी थी। मृत व्यक्ति की समाधि आज भी गोला में मौजूद है। उस समय अरविंद नाबालिग थे। इसकी वजह से कोर्ट ने मामला रफा-दफा कर दिया था।
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