मर्डर मिस्ट्री सीरीज-3 …. कहानी केंद्रीय मंत्री के उस बिगड़ैल लड़के की जिसे लड़की ने शराब परोसने से मना किया तो गोली मार दी

21 मार्च 2022, मेरठ में राजेश कुमार नाम के प्रेमी ने अपनी प्रेमिका शिवानी की गोली मारकर हत्या कर दी। 20 मार्च 2022 को रांची के तुपुदाना में प्रेमी बिरेंद्र मिंज ने अपनी प्रेमिका लिलि प्रफुल्ल खाखा की गोली मारकर हत्या कर दी। इन दोनों में समानता सिर्फ इतनी है कि लड़की ने इनकी बात को ‘नजरअंदाज’ किया।

मर्डर मिस्ट्री सीरीज में आज हम इसी ‘नजरअंदाज’ करने और उसके नतीजों की कहानी लेकर आए हैं। एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे की शराब परोसने की मांग को एक मॉडल ने नजरअंदाज कर दिया और उसके बाद जो वाकया हुआ, वह देश का सबसे खौफनाक मामला बन गया। आज हम उसी जेसिका लाल मर्डर केस की पूरी कहानी आपको बताएंगे…

कहानी शुरू होती है दिल्ली के सबसे वीआईपी रेस्टोरेंट से
साउथ दिल्ली के महरौली में पहले पुरानी हवेली टाइप घर होते थे। जिनके थे, वह उसे नए ढंग से बनवाने में लगे थे। कुतुबमीनार से कुछ दूर एक जर्जर बिल्डिंग को नया किया गया और उसमें एक रेस्टोरेंट खोला गया। नाम दिया, “टैमरिंड कोर्ट रेस्त्रां।” इसकी मालकिन थी ब्रिटिश नागरिक बीना रमानी और उनके कनाडाई पति जॉर्ज मेलहॉट। मई 1999 के पहले हफ्ते में जार्ज को 6 महीने के लिए कनाडा जाना था। इसलिए बीना ने 29 अप्रैल 1999 को पति को एक फेयरवेल पार्टी दी।

पार्टी में शराब सर्व करने के लिए मॉडल बुलाए गए
इस पार्टी में शामिल होने दिल्ली के अलावा मुंबई से भी कई बड़े नामी-गिरामी चेहरे आए। बीना ने रेस्टोरेंट में शराब सर्व करने के लिए मॉडल जेसिका लाल और शायन मुंशी को बुलाया था। ये दोनों मॉडलिंग के साथ फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने में लगे थे। 29 अप्रैल की रात 8 बजे से दोनों ने पार्टी में आए मेहमानों को उनकी पसंदीदा ब्रांड की शराब सर्व करनी शुरू की। यहां एक अहम बात ये भी है कि शराब सर्व करने का लाइसेंस इस रेस्टोरेंट के पास नहीं था, लेकिन पुलिस की मिलीभगत से उसे इसकी छूट थी।

जेसिका लाल मॉडलिंग के साथ फिल्मों में काम की तलाश में थी। अपने खर्चे निकालने के लिए वह बड़ी पार्टियों में बारटेंडर बनकर जाती थी।
जेसिका लाल मॉडलिंग के साथ फिल्मों में काम की तलाश में थी। अपने खर्चे निकालने के लिए वह बड़ी पार्टियों में बारटेंडर बनकर जाती थी।

बिन बुलाए मेहमान बनकर पहुंचा पूर्व केंद्रीय मंत्री का बेटा
रात के 11.30 बज गए। पार्टी में आए आधे मेहमान जा चुके थे और आधे फ्लोर डीजे पर थिरक रहे थे। दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा का बेटा सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा अपने दोस्त अमरदीप सिंह गिल उर्फ टोनी के फ्लैट पर शराब पी रहा था। शराब खत्म हो गई। तभी उसे याद आया कि आज तो गुरुवार है, टैमरिंड कोर्ट रेस्त्रां में थर्सडे स्पेशल पार्टी चल रही होगी। मनु शर्मा और टोनी एक गाड़ी में और आलोक खन्ना और बाहुबली नेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव दूसरी गाड़ी में बैठकर रेस्टोरेंट पहुंच गए।

शराब देने से मना किया तो गोली मार दी
चारों एक साथ रेस्त्रां के अंदर पहुंचे। शराब काउंटर पर जेसिका मौजूद थी जो चीजों को समेटने में लगी थी। मनु ने एक पैक शराब मांगी। जेसिका ने घड़ी की तरफ इशारा करते हुए टाइम खत्म होने की बात कही और शराब देने से मना कर दिया। मनु ने दोबारा मांगा, जेसिका ने फिर मना कर दिया। मनु ने 1000 रुपए ऑफर किया। जेसिका ने साफ कहा, “नहीं है शराब।” मनु शर्मा गुस्से से लाल हो गया। .22 कैलिबर की पिस्टल निकाल ली। लोड किया और हवा में फायर कर दिया। जेसिका नहीं डरी। मनु ने हाथ नीचे किया और जेसिका के सिर पर गोली मार दी।

जेसिका को गोली मारने के बाद मनु और उसके साथी भाग गए। करीब 100 लोग पार्टी में थे, लेकिन किसी ने भी उसे पकड़ने की कोशिश नहीं की।
जेसिका को गोली मारने के बाद मनु और उसके साथी भाग गए। करीब 100 लोग पार्टी में थे, लेकिन किसी ने भी उसे पकड़ने की कोशिश नहीं की।

जेसिका गिर पड़ी। ये सब देख शराब सर्व करने वाला मॉडल शायन मुंशी घबरा गया। “जेसिका को गोली मार दी” चीखते हुए वह भागा। गोली की आवाज से पार्टी में एकबारगी सन्नाटा छा गया। लोग जेसिका के पास पहुंचे। दूसरी तरफ मनु शर्मा तीनों दोस्तों के साथ वहां से निकल गया। लोग जेसिका को नजदीक के हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टर ने रेफर कर दिया। अपोलो हॉस्पिटल ले गए, तो वहां डॉक्टरों ने नब्ज टटोली और हाथ जोड़ लिया। इस तरह 34 साल की जेसिका इस दुनिया से चली गई।

हत्या के बाद बचने के लिए नोएडा भागा
गोली चलाने के बाद मनु शर्मा का नशा मानों उतर गया, वो बचने के लिए डीपी यादव के बेटे विकास यादव के घर गाजियाबाद पहुंच गया। मामला हाईप्रोफाइल रेस्त्रां, हाईप्रोफाइल मॉडल और हाईप्रोफाइल लीडर के बेटे से जुड़ा था, इसलिए पुलिस के बड़े अधिकारी लगा दिए गए। पुलिस दिल्ली, गाजियाबाद से लेकर चंडीगढ़ तक छापेमारी कर रही थी। तभी 2 मई को मनु की टाटा सफारी को दिल्ली पुलिस ने नोएडा में लावारिश हालत में बरामद किया।

पैसा और पावर के दम पर मनु को छिपाने का प्रयास
जिस वक्त मनु शर्मा ने ये मर्डर किया, उस वक्त उसके पिता विनोद शर्मा हरियाणा कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी थे। वह तीन बार विधायक, एक बार राज्यसभा सांसद और नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके थे। चंडीगढ़ में उनका होटलों का बड़ा कारोबार था। विकास यादव के पिता बाहुबली डीपी यादव उस वक्त राज्यसभा सांसद थे। ऐसे में पुलिस के ऊपर डबल प्रेशर था, लेकिन फिर भी मनु शर्मा पकड़ा नहीं जा सका। 6 मई 1999 को मनु ने चंडीगढ़ की एक अदालत में सरेंडर कर दिया। इसके बाद केस चलना शुरू हुआ।

मनु के पिता विनोद शर्मा हरियाणा में तीन बार विधायक, एक बार राज्यसभा सांसद और नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके थे।
मनु के पिता विनोद शर्मा हरियाणा में तीन बार विधायक, एक बार राज्यसभा सांसद और नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके थे।

एक के बाद एक 33 गवाह अपने बयान से मुकर गए
शायन मुंशी मामले का शिकायती बना। पुलिस ने उसके बयान को आधार बनाकर एफआईआर दर्ज किया। मामले में कुल 101 गवाह बनाए गए। 3 अगस्त 1999 को पुलिस ने मनु शर्मा और उसके साथियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर दी। 31 जनवरी 2000 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले को सेशन कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया। सुनवाई शुरू हुई तो एक के बाद एक 33 गवाह मुकर गए।

जेसिका का दोस्त शायन मुंशी ही धोखेबाजी कर गया
गोली लगते हुए जेसिका को और गोली मारते हुए मनु को शायन मुंशी ने सबसे करीब से देखा था, लेकिन अदालत में वह मुकर गया। कहा, “मुझे हिन्दी नहीं आती, मैने पुलिस को अंग्रेजी में बयान दिया था, लेकिन पुलिस ने उसे हिन्दी में लिखा।” गोली चलाने वाले की पहचान पर उसने कहा, “उस रात दो लोगों ने दो गोलियां चलाई थीं। मुझे नहीं पता कि किसने जेसिका को गोली मारी थी।” इसके बाद शिवदास, करण राजपूत भी बयान से पलट गए। बीना रमानी, उनके पति जार्ज मेलहॉट और बेटी मालिनी रमानी ने शिनाख्त की, लेकिन यह काफी नहीं रहा। सभी नौ आरोपियों को 21 फरवरी 2006 को पटियाला हाउस स्थित तत्कालीन एडिशनल सेशन जज एस.एल भयाना ने बरी कर दिया।

जेसिका के साथ मॉडल शायन मुंशी उस रात रेस्त्रां में मौजूद था, लेकिन अदालत में वह बयान से बदल गया और आरोपी मनु को पहचानने से साफ इनकार कर दिया।
जेसिका के साथ मॉडल शायन मुंशी उस रात रेस्त्रां में मौजूद था, लेकिन अदालत में वह बयान से बदल गया और आरोपी मनु को पहचानने से साफ इनकार कर दिया।

तो फिर जेसिका को किसने मारा?
कोर्ट के आदेश के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया। जेसिका की बहन सबरीना लाल के नेतृत्व में देशभर में बड़ा कैंपेन चला। सबरीना ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसी दौरान शायन मुंशी एक स्टिंग में फंस गया। जेसिका मामले में उसने कहा था कि मुझे हिन्दी नहीं आती, लेकिन तहलका के दो रिपोर्टरों के सामने वह बढ़िया तरीके से हिन्दी बोलता रहा। दिल्ली हाईकोर्ट में इस पक्ष को भी रखा गया, साथ ही बीना, मालिनी और जॉर्ज के बयानों को आधार बनाया गया और 20 दिसंबर 2006 को मनु शर्मा समेत सभी को दोषी करार दिया गया। मनु शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

जेसिका की बहन सबरीना लाल ने दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया। मीडिया और लोगों का सपोर्ट मिला। नतीजा ये रहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने मनु को सजा सुनाई।
जेसिका की बहन सबरीना लाल ने दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया। मीडिया और लोगों का सपोर्ट मिला। नतीजा ये रहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने मनु को सजा सुनाई।

मनु को बेगुनाह साबित करने के लिए खड़े हुए देश के नामी वकील
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मनु सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। मनु का पक्ष रखने के लिए देश के सबसे नामी-गिरामी वकील राम जेठमलानी खड़े हुए। जेठमलानी ने सुनवाई के दौरान कहा, “पुलिस हमारे मुवक्किल मनु शर्मा को फंसाने की कोशिश कर रही है, जबकि जेसिका को किसी और ने गोली मारी है।” सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2010 को राम जेठमलानी की दलील को खारिज करते हुए हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।

मीडिया और जनता की ताकत से सिस्टम हिल गया
आजाद भारत की यह पहली घटना थी, जिसमें मीडिया और जनता ने मिलकर सिस्टम को झकझोर दिया। पुलिस-अदालत सब अपने काम में लग गई। जनता उनसे सवाल पूछने लगी। आखिर में सच की जीत हुई और इंसाफ मिला। इस कहानी का दुखद पहलू ये भी रहा कि जेसिका की मौत के बाद सबसे अधिक संघर्ष करने वाले उनके पिता अजीत लाल फैसला देखे बिना इस दुनिया से चले गए।

जेसिका के पिता अजीत लाल बेटी को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष करते रहे, लेकिन जब तक फैसला आता, उनकी मौत हो चुकी थी।
जेसिका के पिता अजीत लाल बेटी को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष करते रहे, लेकिन जब तक फैसला आता, उनकी मौत हो चुकी थी।

2018 में जेसिका के परिवार ने मनु को माफ कर दिया
2 जून 2020 को दिल्ली के डिप्टी गवर्नर अनिल बैजल ने मनु शर्मा को रिहा करने के अनुमति दे दी। इसके बाद जेसिका की बहन सबरीना लाल ने दिल्ली की तिहाड़ जेल के वेलफेयर ऑफिसर को एक पत्र लिखा। कहा, उसे अब मनु की रिहाई से कोई आपत्ति नहीं है। चिट्ठी में उन्होंने लिखा…

“हम ईसाई हैं, माफ करने में यकीन रखते हैं। मेरी मां मनु को 1999 में ही माफ कर देतीं, अगर उसने खुद माफी मांग ली होती। मैंने अपनी बहन और मां-बाप को खो दिया है। हमारी जिंदगी में एक वक्त ऐसा आता है, जब हमें कुछ चीजों को पीछे छोड़ देना चाहिए। हमें विक्टिम वेलफेयर बोर्ड की ओर से मिलने वाला पैसा भी नहीं चाहिए, जिसे इसकी जरूरत हो, उसे दे देना चाहिए।”

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