कैसे सत्ता की जंग जीतेगी कांग्रेस ….

बिहार, बंगाल और UP जैसे बड़े राज्यों में पार्टी अध्यक्ष नहीं, 3 राज्यों में विपक्ष का नेता भी तय नहीं ….

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। इस दौरान राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महंगाई के खिलाफ कांग्रेस देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

मगर, सड़कों पर प्रदर्शन की बात करने वाली कांग्रेस संगठन के तौर पर पूरी तरह कमजोर हो गई है। पार्टी UP, बिहार और बंगाल समेत 6 राज्यों में अध्यक्ष नहीं बना पाई है। वहीं चुनाव के बाद से तीन राज्यों में अब तक नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई है। इसके अलावा पार्टी के फ्रंटल संगठन में भी वर्षों से पद रिक्त हैं।

UP, बिहार और बंगाल में अध्यक्ष नहीं
कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में सीटों के लिहाज से तीन बड़े राज्य UP, बिहार और बंगाल में अब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर पाई है। बिहार में 2020 के चुनाव के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन कांग्रेस बिहार में अब तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं कर सकी।

कांग्रेस संगठन में बदलाव के लिए CWC ने सोनिया गांधी को अधिकृत किया है, मगर अब तक सोनिया फैसला नहीं कर पाई हैं।
कांग्रेस संगठन में बदलाव के लिए CWC ने सोनिया गांधी को अधिकृत किया है, मगर अब तक सोनिया फैसला नहीं कर पाई हैं।

यही हाल पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का है। 2021 में करारी हार के बाद प्रदेश में व्यापक बदलाव की बात कही गई थी, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी नया प्रदेश अध्यक्ष पार्टी नहीं बना पाई है। बंगाल में अध्यक्ष का कार्यभार अधीर रंजन चौधरी देख रहे हैं, जो लोकसभा में पार्टी के नेता भी हैं।

बिहार में अध्यक्ष बदलने को लेकर दिल्ली में बैठक भी हो चुकी है, लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से फैसला नहीं हो सका।
बिहार में अध्यक्ष बदलने को लेकर दिल्ली में बैठक भी हो चुकी है, लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से फैसला नहीं हो सका।

वहीं UP में चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से इस्तीफा ले लिया था, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है।

प्रियंका गांधी के नेतृत्व में यूपी चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने इस्तीफा दे दिया था।
प्रियंका गांधी के नेतृत्व में यूपी चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने इस्तीफा दे दिया था।

पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में न अध्यक्ष, न नेता प्रतिपक्ष
पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस हाईकमान न तो अब तक नेता प्रतिपक्ष चुन पाई है और न ही इन राज्यों में संगठन की ओर से अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। पंजाब और उत्तराखंड में गुटबाजी की वजह से अब तक नाम नहीं फाइनल हो सका है। हाईकमान के निर्देश के बाद पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू, उत्तराखंड में गणेश गोदियाल और गोवा में गिरीश चोडनकर ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

चुनाव परिणाम आने के बाद सोनिया गांधी ने यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा था।
चुनाव परिणाम आने के बाद सोनिया गांधी ने यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा था।

किसान और आदिवासी संगठन में सालों से अध्यक्ष का पद खाली
पार्टी के फ्रंटल संगठन किसान कांग्रेस और आदिवासी कांग्रेस में वर्षों से अध्यक्ष का पद खाली है। नाना पटोले के 2019 में इस्तीफा देने के बाद से पार्टी अब तक किसान कांग्रेस में अध्यक्ष नहीं नियुक्त कर पाई है। अध्यक्ष नियुक्ति को लेकर कांग्रेस में कई बार बैठक हो चुकी है, लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। वहीं आदिवासी किसान में अध्यक्ष का पद खाली है।

वहीं सुष्मिता देव के इस्तीफा देने के बाद से महिला कांग्रेस में भी पूर्णकालिक अध्यक्ष अब तक नियुक्त नहीं किया गया है।

  
कांग्रेस अब सिर्फ 2 राज्यों (राजस्थान और छत्तीसगढ़) में सिमट गई है। दोनों जगहों पर अगले साल चुनाव होने हैं।

200 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर
देशभर में लोकसभा की करीब 200 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर है। इनमें मध्यप्रदेश की 28, छत्तीसगढ़ की 11, राजस्थान की 25, गुजरात की 26 सीट और कर्नाटक की 28 सीटें शामिल हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, जबकि मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में भाजपा की सरकार है।

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