ठेले पर नींबू बेचने से अरबपति बने याकूब की कहानी ….

30 साल में जुटाई हजार करोड़ की संपत्ति, आज पूरा परिवार गिरफ्तारी के खौफ से फरार……

पूर्व मंत्री याकून कुरैशी इनदिनों फरार है। 31 मार्च को मेरठ में याकूब कुरैशी के बंद पडे़ मीट प्लांट में 2.5 लाख किलो अवैध मीट पैकेजिंग करते हुए पकड़ा गया था। पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी, पत्नी संजीदा, बेटे हाजी इमरान और हाजी फिरोज और दस अन्य के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। याकूब का पूरा परिवार फरार चल रहा है।

मेरठ पुलिस प्रशासन ने पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पर एक सप्ताह में दो बड़ी कार्रवाई की है। याकूब का 220 बीघे जमीन में बना अवैध मीट प्लांट आज सील है। वहीं, याकूब का माई सिटी हॉस्पिटल भी सील कर दिया गया है। बाबा का बुलडोजर कभी भी याकूब की मीट फैक्ट्री पर चल सकता है। पूरे परिवार के साथ ही याकूब के जेल जाने का खतरा भी बढ़ गया है।

याकूब की कहानी भी कम रोचक नहीं है। मेरठ की सड़कों पर 1989 तक याकूब ठेले पर नींबू बेचा करता था, आज याकूब की गिनती सबसे बड़े मीट कारोबारियों में होती है। पढ़िए याकूब कुरैशी की पूरी कहानी भास्कर पर…

2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद याकूब को समझाते तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी।
2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद याकूब को समझाते तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी।

परिवार की गुड़ की दुकान थी
याकूब कुरैशी मेरठ के कोतवाली इलाके के सोहराबगेट पुलिस चौकी के पास का रहने वाला है। उसके परिवार की कोटला बाजार में गुड़ बेचने की पुरानी दुकान थी। 1980 के दशक में याकूब कुरैशी के सामने परिवार पालने की बड़ी जिम्मेदारी थी। 1985 -1986 में याकूब चाट-मसाला बेचने लगा, लेकिन कुछ महीनो बाद ही उसे बंद कर दिया।

साल 1987 से याकूब कोतवाली, हापुड़ अड्‌डा, गुदड़ी, हापुड़ रोड और कोटला बाजार में ठेले पर नींबू बेचने लगा। 1990 तक याकूब ठेले पर नींबू बेचा करता था। उसके बाद याकूब ने नगर निगम के पुराने कमेले में जाना शुरू किया। यहां से पशु कटान के कारोबार में शामिल होने वाले याकूब ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

1990 में लिया कमेले का ठेका

याकूब के मीट प्लांट में 31 मार्च को छापा मारने पहुंचे अधिकारी।
याकूब के मीट प्लांट में 31 मार्च को छापा मारने पहुंचे अधिकारी।

मेरठ में नगर निगम का पुराना कमेला 2013 में अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री आजम खान ने गिरवा दिया था। मगर, इस कमेले ने याकूब के कारोबार को विदेशों तक पहुंचा दिया। नगर निगम की तरफ से 332 भैंसें एक दिन में काटे जाने की अनुमति दी जाती थी। याकूब ने पहली बार 1990 में मेरठ के कमेले में पशु कटान का ठेका लिया।

याकूब 332 पशु काटने में नहीं रुका और एक दिन में 10 हजार तक पशु उसके मीट प्लांट में काटे जाने लगे। याकूब की एक दिन की कमाई 30 लाख रुपए तक पहुंच गई। याकूब ने अपनी कुरैशी बिरादरी को पशु कटान में उतार दिया। इसमें याकूब ने कटान करने वाले लोगों के सामने शर्त रखी कि कमेले की जगह मेरे प्लांट में कोई भी पशु काटे, हर पशु पर 100 रुपए देने होंगे।

पहले साल में ही 100 रुपए रोज से याकूब की आमदनी दस लाख प्रतिदिन तक पहुंच गई। याकूब ने दूसरी शर्त यह भी रखी कि जो अपनी एक भैंस का कटान कमेले में करेगा, उसे दूसरी भैंस याकूब की काटनी होगी। उसका कोई पैसा नहीं मिलेगा।

हर साल बदलता रहा कमेले का ठेका

याकूब ने हापुड़ रोड पर मीट प्लांट को 1998 में शुरू किया था।
याकूब ने हापुड़ रोड पर मीट प्लांट को 1998 में शुरू किया था।

मेरठ में मीट का कारोबार चार परिवारों ने शुरू किया। याकूब मीट कटान में बढ़ता चला गया। दूसरे साल हाजी अखलाक परिवार को कटान का ठेका मिला। हाजी अखलाक के बेटे शाहिद अखलाक ने नगर निगम में पशु कटान का ठेका लेकर मीट कारोबार खड़ा कर लिया। मीट कटान में तीसरा परिवार हाजी इकबाल का था। हाजी इकबाल का बेटा हाजी इजलाल 2008 में मेरठ में तीन छात्रों की निर्मम हत्या करने के मामले में जेल में बंद हो गया। चौथा परिवार नूर इलाही का है, जिसने मीट काम शुरू किया।

हड्‌डी के ठेके भी याकूब ने लिए
दिन में दस हजार से ज्यादा पशु कमेले में काटे जाने लगे। इन पशुओं की हड्‌डी के ठेके भी याकूब ने लिए। हड्‌डी गलाकर दूसरे कारोबार में विदेश तक भेजी जाने लगी। नगर निगम का कमेले से मीट कारोबार बढ़ने लगा। वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा से भी मेरठ के कमेले में पशु कटान के लिए लाए जाने लगे। 1990 से लेकर 2013 तक कमेले का ठेका एक साल याकूब के पास तो दूसरे साल शाहिद अखलाक परिवार के पास रहा।

1998 में शुरू किया मीट प्लांट का काम
हाजी याकूब कुरैशी ने मेरठ से हापुड़ के बीच हाईवे पर करोड़ों की जमीन खरीदी। 1998 में अलीपुर के पास अल फईम मीटेकस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री लगाई। साल 2000 में याकूब कमेले के साथ अपना मीट प्लांट शुरू कर चुका था। इस मीट प्लांट से पशुओं का कटान होकर मीट अलग-अलग राज्यों के अलावा खाड़ी देशों तक सप्लाई होने लगा।

220 बीघा जमीन पर बने मीट प्लांट में कई बार अवैध तरह से कटान पकड़ा गया। मगर, याकूब अपने रसूख के दम पर भारी पड़ता रहा। 31 मार्च 2022 को याकूब कुरैशी के बंद पड़े अल फईम मीटेकस प्राइवेट लिमिटेड प्लांट में पांच करोड़ रुपए का अवैध मीट पकड़ा गया।

अस्पताल और कॉलेज भी खड़े किए

छह अप्रैल 2022 को मेरठ सीएमओ अखिलेश मोहन के आदेश पर याकूब का हॉस्पिटल भी सील कर दिया गया।
छह अप्रैल 2022 को मेरठ सीएमओ अखिलेश मोहन के आदेश पर याकूब का हॉस्पिटल भी सील कर दिया गया।

मीट कारोबार के साथ याकूब ने हापुड़ रोड पर कई किमी क्षेत्र में जमीन अलग-अलग नामों से खरीदी गई। शहर में हापुड़ रोड पर माई सिटी अस्पताल खरीदा, जो बिना लाइसेंस के चल रहा था। इस पर छह अप्रैल 2022 को मेरठ सीएमओ अखिलेश मोहन के आदेश पर सील कर दिया गया। इसके साथ याकूब ने छह साल पहले शास्त्री नगर में माई पब्लिक स्कूल के नाम से कॉलेज भी खड़ा कर दिया। मीट कारोबारी याकूब जमीन जायदाद के साथ स्कूल और अस्पताल के काम में भी जुट गया। जल्द ही याकूब ने दूध का कारोबार शुरू करने के लिए भी कहा था।

बसपा सरकार में मंत्री बना याकूब कुरैशी
याकूब कुरैशी का राजनीतिक रसूख भी कम नहीं रहा। साल 2007 में याकूब बसपा के टिकट पर पहली बार मेरठ से विधायक बना। पूर्ण बहुमत वाली सरकार में याकूब मंत्री बना। उसका दबदबा इतना था कि भूमिया पुल की घटना में एक दिन में ही कई बड़े नौकरशाह का ट्रांसफर कर दिया गया।

बसपा सरकार में याकूब का कारोबार और भी बढ़ गया। 2014 में याकूब मुरादाबाद सीट पर बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया। साल 2019 में मेरठ में लोकसभा चुनाव में याकूब को बसपा के टिकट पर हार मिली। याकूब की पत्नी संजीदा बेगम मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। वहीं, बेटा सरधना सीट से 2017 का विधानसभा चुनाव हार चुका है।

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