– लोक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए 675 पद किए मंजूर

– छोटे किसान और मजदूरों को गैर पंजीकृत साहूकारों के ऋण से मुक्ति के लिए बनेगा कानून

Shivraj Cabinet :भोपाल प्रदेश के अस्पतालों में प्रबंधन की बागडोर अब एमबीबीएस डाक्टर के हाथ में होगी। स्वास्थ्य प्रबंधन में डिप्लोमा करने वाले डाक्टरों को लोक सेवा प्रबंधक के पद पर नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए 675 पद मंजूर किए गए हैं। मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग में चार संवर्ग बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

इसमें चिकित्सा अधिकारी के पांच हजार 284, विशेषज्ञ के तीन हजार 564 और अस्पताल प्रबंधन संवर्ग में 148 पद रखे गए हैं। इसके अलावा बैठक में छोटे किसान और भूमिहीन कृषि मजदूर को गैर पंजीकृत साहूकारों के ऋण से मुक्ति दिलाने के लिए मध्य प्रदेश ग्रामीण (सीमांत व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक-2022 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

राज्य सरकार के प्रवक्ता गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अस्पतालों में अभी डाक्टर की प्रबंधन का काम भी देख रहे थे। इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती थीं। इसे देखते हुए तय किया है कि लोक सेवा प्रबंधन संवर्ग में एमबीबीएस डिग्रीधारी ऐसे चिकित्सक जिन्होंने स्वास्थ्य प्रबंधन में डिप्लोमा किया हैं, उन्हें रखा जाएगा। इन्हें ब्लाक से लेकर संचालनालय स्तर तक अलग-अलग पदों पर पदस्थ किया जाएगा। इसके अलावा हर स्तर पर डाक्टरों की क्रमोन्न्ति, वेतनमान, ग्रेड आदि को बेहतर किया जाएगा। सिविल सर्जन के पांच प्रतिशत पदों पर लोक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग से भरा जाएगा। संयुक्त संचालक के 24 नए पद होंगे। महामारी विशेषज्ञ का हर जिले में एक पद होगा। अभी पूरे प्रदेश में बीस पद हैं।

चल-अचल सम्पत्ति नहीं लौटाई तो तीन वर्ष की जेल

15 अगस्त 2020 तक गैर पंजीकृत साहूकार से लिए ऋण और ब्याज से दो हेक्टेयर तक भूमिधारक किसान और भूमिहीन कृषि श्रमिक का ऋण व ब्याज माफ होगा। इसके लिए कैबिनेट ने मध्य प्रदेश ग्रामीण (सीमांत व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक-2022 विधानसभा के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया। अब राजस्व विभाग इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजेगा।

इसके बाद विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें यह प्रविधान भी किया गया है कि ऋण देने के ऐवज में सुरक्षा बतौर यदि चल या अचल संपत्ति गिरवी रखी है तो उसे भी मुक्त करना होगा। यदि नहीं किया जाता है तो तीन वर्ष का कारावास या एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा। राजस्व मंडल में अब सभी मामलों की सुनवाई पीठ करेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वर्ष 2022-23 में निरंतर रखने, उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा भरतपुरी प्रशासनिक प्रक्षेत्र में इस्कान को वर्ष 2004-05 की गाइडलाइन के आधार पर जमीन देने का निर्णय लिया गया।