क्या यूपी-MLC-चुनाव में BJP 13 में से 9 सीटें जीतेगी?

255 और 111 का लॉजिक बिगाड़ेगा सपा का गेम, बसपा और कांग्रेस पहले ही क्लीन बोल्ड…

यूपी में MLC चुनाव यानी विधान परिषद चुनाव 2022 में 18 दिन बाकी हैं। 13 सीटों पर चुनाव होना है। 20 जून को वोटिंग होगी। उसी दिन रिजल्ट भी जाएगा। नामांकन प्रक्रिया 2 जून से शुरू हो सकती है। लेकिन भाजपा और सपा अभी तक 1 भी नाम फाइनल नहीं कर पाई हैं। हमने यहां एक-एक करके विधान परिषद चुनाव में पार्टियों के गणित को समझाया है। पहले ग्राफिक के जरिए यूपी विधान परिषद की सट्रेंथ को समझते हैं…

 

मौजूदा यूपी विधान परिषद में 100 सदस्य हैं। अभी सरकार ने 91 सदस्यों के नाम ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किए हैं। ये लिस्ट उसी आधार पर है।

बसपा-कांग्रेस पहले से डिस्क्वालिफाई, कमल और साइकिल के बीच टक्कर
विधान परिषद की 13 सीटें 6 जुलाई को खाली हो रही हैं। इनमें सपा की सबसे ज्यादा 6, भाजपा और बसपा की 3 और कांग्रेस की 1 सीट है। यूपी विधान परिषद चुनाव पर राजनीतिक विशलेषक विवेक गुप्ता बताते हैं, “MLC की एक सीट जीतने के लिए कम से कम 29 विधायकों का वोट पाना जरूरी है। सदन में भाजपा के 255 और सपा के 111 विधायक हैं। इस लिहाज से चुनाव भाजपा और सपा के बीच सिमट जाएगा। विधायकों की संख्या बल के हिसाब से 13 सीटों पर करीब 9 सीटें भाजपा और 4 सीटों पर सपा की जीत पक्की मानी जा रही है।”

भाजपा की तरफ से केशव और दानिश आजाद समेत 6 नामों की चर्चा सबसे ज्यादा

ये तस्वीर मार्च 2022 की है। जब योगी सरकार 2.0 में मंत्रियों के विभाग का बंटवारा हुआ था। इसमें केशव प्रसाद मौर्य को ग्राम्य विकास और दानिश आजाद को अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी।
ये तस्वीर मार्च 2022 की है। जब योगी सरकार 2.0 में मंत्रियों के विभाग का बंटवारा हुआ था। इसमें केशव प्रसाद मौर्य को ग्राम्य विकास और दानिश आजाद को अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी।

योगी सरकार 2.0 में ऐसे 5 मंत्री हैं, जो अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इनमें संसदीय कार्य एवं औद्योगिक विकास मंत्री जसवंत सिंह सैनी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप और आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र पर बीजेपी दांव खेल सकती है।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कार्यकाल भी 6 जुलाई को खत्म हो रहा है। ऐसे में इन 6 लोगों का नाम तय माना जा रहा है। वहीं बाकी 3 सदस्यों के नामों पर पार्टी में मंथन जारी है।

सपा से आए सतरुद्र और बसपा से आए सुरेश को मिल सकता है मौका
MLC चुनाव में भाजपा दूसरे दलों से आए नेताओं को भी मौका दे सकती है। विधानसभा चुनाव में बसपा से सुरेश कुमार कश्यप और सपा से शतरुद्र प्रकाश भाजपा में शामिल हो गए थे। ये दोनों पहले से ही विधान परिषद के सदस्य हैं। इनका कार्यकाल भी केशव प्रसाद के साथ 6 जुलाई को खत्म हो रहा है। ऐसे में बीजेपी इन दोनों नाम को भी चांस दे सकती है।

यहां तक आपने MLC चुनाव में BJP के गणित को जाना, अब आगे सपा की तैयारी पर चलते हैं…

सपा की तरफ से स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम आगे

ये तस्वीर 14 जनवरी 2022 की है, जब लखनऊ में अखिलेश ने पहली बार स्वामी प्रसाद के सपा में जुड़ने का ऐलान किया था।
ये तस्वीर 14 जनवरी 2022 की है, जब लखनऊ में अखिलेश ने पहली बार स्वामी प्रसाद के सपा में जुड़ने का ऐलान किया था।

सपा 4 में से एक सीट योगी सरकार के पूर्व मंत्री और विधानसभा चुनाव में सपा से जुड़े स्वामी प्रसाद मौर्य को दे सकती है। स्वामी फाजिलनगर विधानसभा से चुनाव हार गए थे। उनके पॉलिटिकल एक्पीरियंस को देखते हुए अखिलेश MLC चुनाव में उनका नाम सबसे ऊपर रख सकते हैं।

विधान परिषद में अपने बेटे के लिए सीट चाहते हैं ओपी राजभर

विधानसभा चुनाव में शिवपुर विधानसभा सीट पर प्रचार करते ओपी राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर ।
विधानसभा चुनाव में शिवपुर विधानसभा सीट पर प्रचार करते ओपी राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर ।

विधान परिषद चुनाव में अखिलेश सहयोगी दलों के नेताओं पर भी दांव खेल सकते हैं। सुभासपा के चीफ ओपी राजभर अपने बेटे अरविंद राजभर के लिए टिकट चाहते हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश उन्हें नाराज नहीं करेंगे। सपा में सहारनपुर के पूर्व विधायक इमरान मसूद और अखिलेश के लिए करहल सीट छोड़ने वाले सोबरन सिंह यादव को भी विधान परिषद भेजने पर चर्चा हो रही है।

सपा के खेमे में इन 4 नामों की दावेदारी सबसे ज्यादा दिख रही है। हालांकि राम गोविंद चौधरी, पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी और विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष रहे संजय लाठर जैसे नामों पर पार्टी में मंथन जारी है।

केशव समेत 13 MLC का कार्यकाल होगा खत्म
योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सदर सीट से विधायक चुने जाने के बाद विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, अतर सिंह राव, जगजीवन प्रसाद, दिनेश चंद्र, कांग्रेस के इकलौते MLC दीपक सिंह, बलराम यादव, भूपेंद्र, रणविजय सिंह, रामसुंदर, सत्यप्रकाश, सुरेश कुमार कश्यप का कार्यकाल 6 जुलाई को खत्म हो रहा है।

जिस दिन वोटिंग, उसी दिन रिजल्ट
चुनाव आयोग के मुताबिक, विधान परिषद की खाली सीटों के लिए 2 से 9 जून तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 13 जून रखी गई है। 20 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच वोटिंग होगी। वोटिंग के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे।

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