चारबाग अग्निकांड में 45 इंजीनियर दोषी करार … साल 2018 में 7 लोग जलकर मर गए थे

छह कर्मचारियों पर 48 घंटे के अंदर होगी कार्यवाही, साल 2018 में 7 लोग जलकर मर गए थे

चारबाग होटल अग्निकांड में दोषियों में 45 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। पहले यह संख्या 30 थी लेकिन अब दोषियों की संख्या में 15 की बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में एलडीए की तरफ से चारबाग जोन में साल 2012 से लेकर 2018 तक तैनात रहे सभी इंजीनियरों को पर कार्यवाही तय मानी जा रही है। सभी इंजीनियरों को आरोप पत्र भेजने की तैयारी शुरू हो गई है। अग्निकांड के लिए एलडीए के जिन छह कर्मचारियों को दोषी माना गया है उनके खिलाफ अगले अगले 48 घंटे के अंदर कार्यवाही होना तय माना जा रहा है।

दरअसल, लखनऊ के नाका इलाके में मई 2018 को होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में आग लगी थी। इसमें सात लोग जलकर मर गए थे। जांच में पता चला कि मानक के खिलाफ होटल बना दिया गया और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं हो पाई।

पहले 30 इंजीनियर दोषी पाए गए थे

आग के बाद मामले की जांच एडीजी राजीव कृष्णा को सौंपी गई। जांच में एलडीए के पूर्व संयुक्त सचिव राकेश कुमार और पीसीएस वीरेंद्र पांडेय समेत 30 इंजीनियरों को दोषी माना गया था। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की सिफारिश करते हुए एलडीए ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया। हालांकि जुलाई 2021 में दोबारा जांच कराने का फैसला किया। इस बार जांच आवास विकास परिषद से कराने का फैसला किया गया। आवास विकास ने पिछले सप्ताह अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जिसमें अब 45 लोग दोषियों की श्रेणी में आ गए है।

चारबाग के बाकी होटलों पर नहीं हुई कार्रवाई

इसके बाद तय हुआ था कि यहां के बाकी होटल की जांच की जाएगी। लेकिन किसी के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई। फायर विभाग ने थोड़ बहुत संशोधन के बाद उनको चलाने की अनुमति दे दी। जानकारों का कहना है कि कायदे से जांच करा दी जाए तो होटल मानक के खिलाफ मिलेंगे। उस समय सरकार के एक कद्दावर नेता ने दबाव बनाते हुए अवैध होटलों को भी चलाने की अनुमति दे दी थी।

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