दानी डेटा ऐप ठगी प्रकरण: ..? चाइनीज मास्टरमाइंड पकड़ से दूर, ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंसे सैकड़ों युवा
आगरा पुलिस द्वारा ऑनलाइन गेमिंग ऐप दानी डेटा के तीन संचालकों को गिरफ्तार कर 20 करोड़ की ठगी का खुलासा कर दिया गया है। अब पुलिस कथित चाइनीज मास्टरमाइंड का बारे में जानकारी के प्रयास में जुटी है। तीनों युवकों के कंपनी खाते में आने वाली रकम कहां ट्रांसफर हुई और आगे उस रकम का क्या हुआ, यह जानना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है। पुलिस मामले की तह तक जाने के प्रयास में जुटी हुई है।

बता दें कि आगरा के थाना सिकंदरा पुलिस को अनुज नामक युवक द्वारा शिकायत मिली थी कि उसने ऑनलाइन गेमिंग ऐप दानी डेटा में 1000 रुपये देकर सब्सक्रिप्शन किया और फिर 30 मई को ऐप बंद हो गयी। पुलिस टीम द्वारा जांच कर दिल्ली निवासी विजय कुमार , अंकित गोस्वामी और सिद्धार्थ गौड़ को गिरफ्तार किया गया। इन तीनों की प्राइवेट कंपनी के खाते में गेमिंग सब्सक्रिप्शन का पैसा आता था। पकड़े गए आरोपियों ने बताया था कि ऐप में पहले यूजर से सब्सक्रिप्शन करवा कर बेसिक फुटबाल जेम खिलवाया जाता था और बाद में 1 लाख रुपये जमा करवाकर बेटिंग कार्रवाई जाती थी। जिसमे प्रति गोल भी बेट होती थी और ओवरऑल मैच पर भी बेट होती थी। ऐप लोगों को 100 प्रतिशत फायदे का ऑप्शन देती थी और दिन में तीन गेम खेलकर यूजर प्रतिदिन 2200 रुपये के लगभग कमा सकता था। इस पैसे को यूजर यूपीआई के माध्यम से निकाल सकता था। वो खाते में ऑनलाइन पैसा लेते थे और ऐप के मुख्य मालिक चाइना निवासी व्यक्ति को अपना कमीशन निकाल कर दे देते थे।
दो थ्योरी पर काम कर रही पुलिस
पुलिस अभी चाइनीज मास्टरमाइंड को संदिग्ध मान रही है। आरोपियों द्वारा 1000 के लगभग लोगों से 20 करोड़ से अधिक की ठगी का पूरा लेखा जोखा उनकी कंपनी के खाते में दर्ज है। इस पैसे का आगे क्या इस्तेमाल हुआ है यह पुलिस की जांच का विषय है। चाइनीज मास्टरमाइंड ऐप चला रहा था या ऐप भारत से आपरेट हो रही थी, इसका डाटा साइबर सेल जुटा रही है। पुलिस को डर है कि मामले की तह तक न पहुंचने पर नाम बदलकर दोबारा उसी ऐप को शुरू कर और ठगी की जा सकती है। पुलिस जल्द सारी जानकारी जुटाने की बात कह रही है।
आईटी स्पेशलिस्ट का यह है कहना
आईटी स्पेशलिस्ट अभिषेक का कहना है कि इस तरह की ऐप अमूमन तो इस्तेमाल करना ही उचित नहीं है और इससे नुकसान की आशंका है। फिर भी अगर डाउनलोड कर इस्तेमाल करना है तो ऐप की रेटिंग चेक करना जरूरी है। ऐप की पूरी जानकारी प्ले स्टोर पर होती है। इस तरह की गेमिंग ऐप बनाने में काफी खर्च आता है। मास्टरमाइंड अब इनका ठगी के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें ठगी के लिए चिरपरिचित चेन सिस्टम का ही प्रयोग होता है। यूजर का पैसा उसे इनाम के तौर पर देते हैं और यूजर अपने अन्य साथियों को भी उकसाता है। इसके साथ ही तमाम ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर दिए गए विज्ञापनों के माध्यम से भी यूजर को आकर्षित किया जाता है। वर्तमान में zoopi, ludo आदि नाम से कई ऐप्स चल रही हैं। केंद्र सरकार ने अखबार और चैनल्स को इनके विज्ञापन न दिखाने का निर्देश भी दिया है।