उद्धव के पीछे ED भी लग सकती है …?
भाजपा नेता किरीट सोमैया हाईकोर्ट पहुंचे, रायगढ़ में खरीदी प्रॉपर्टी की जांच कराने की मांग…
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच सीएम उद्धव ठाकरे केंद्रीय जांच एजेंसियों के टार्गेट पर आ गए हैं। BJP नेता किरीट सोमैया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में CM ठाकरे की पत्नी के नाम पर रायगढ़ में मुरुड तालुका में स्थित एक संपत्ति के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
याचिका में उद्धव ठाकरे के अलावा 3 और लोगों का नाम
याचिका में उद्धव ठाकरे के अलावा उनकी पत्नी रश्मि, शिवसेना विधायक रवींद्र वाइकर और उनकी पत्नी मनीषा वाइकर को पार्टी बनाया गया है। सोमैया ने जिस संपत्ति पर सवाल उठाए हैं, वह कथित तौर पर सीएम ठाकरे की पत्नी और शिवसेना विधायक रविंद्र वाइकर की पत्नी मनीषा ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में मुरुड तालुका में मिलकर खरीदी है।
अलीबाग स्थित प्रॉपर्टी की जांच की मांग
भाजपा नेता ने पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से इस संपत्ति की जांच की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने अलीबाग स्थित प्रॉपर्टी के संबंध में CM ठाकरे और उनके परिवार की तरफ से की गई कथित ‘अवैधता’ की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य एजेंसियों से कराने की मांग की है।

दो करोड़ में प्रॉपर्टी खरीदने और 10 लाख के भुगतान का आरोप
याचिका के अनुसार, विवादास्पद संपत्ति रश्मि ठाकरे और मनीषा वायकर ने उसके मालिक अन्वय नाइक से 2 करोड़ रुपए से अधिक में खरीदी थी, जिसमें से सिर्फ 10 लाख का भुगतान किया गया था। सोमैया के मुताबिक, ‘यह आयकर अधिनियम की धारा 1961 (269)ST का घोर उल्लंघन है।’
उद्धव पर प्रॉपर्टी की डिटेल छिपाने का आरोप
याचिका में सोमैया ने कहा है कि उद्धव ठाकरे और विधायक रवींद्र वायकर ने चुनावी हलफनामे में संपत्ति पर हुए निर्माण को छुपाया और उनका कम मूल्यांकन किया। यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का उल्लंघन है। सोमैया ने अदालत के समक्ष जांच रिपोर्ट पेश करने की मांग की है। साथ ही संपत्ति की स्थिति, उसमें निर्माण और भुगतान के तरीके के बारे में जांच करवाने के लिए कहा है। सोमैया ने बताया, ‘ग्राम पंचायत द्वारा जारी संपत्ति कर रसीद जमीन पर बने स्ट्रक्चर के अस्तित्व को स्थापित करती है।’

निर्माण के दौरान पर्यावरण नियमों का उल्लंघन
सोमैया ने दावा किया कि जमीन पर हुए निर्माण को देख ऐसा लगता है कि इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है। उनके मुताबिक, यह प्रॉपर्टी कोस्टल नियमों का उल्लंघन करके बनाई गई है। ये समुद्र तट से 100 मीटर के अंदर है। सोमैया ने दावा किया कि कथित संपत्ति एक आरक्षित वन के क्षेत्र में आती है और रश्मि ठाकरे और मनीषा वायकर द्वारा इसके निर्माण के लिए पर्यावरण या फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से मंजूरी नहीं ली गई है।
उद्धव के साले के 11 फ्लैट हो चुके हैं सील
इससे पहले महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के साले श्रीधर पाटणकर की कंपनी के 11 फ्लैट भी सील हो चुके हैं। यह प्रॉपर्टी तकरीबन 6.45 करोड़ की बताई जा रही है। श्रीधर पाटणकर रश्मि ठाकरे के भाई हैं। पुष्पक बुलियन कंपनी की हेराफेरी मामले में पीएमएलए एक्ट के तहत ED ने यह कार्रवाई की थी। नंद किशोर चतुर्वेदी नाम के शख्स के साथ श्रीधर पाटणकर के संदेहास्पद आर्थिक लेन-देन में यह कार्रवाई की गई थी। नंद किशोर चतुर्वेदी पर आरोप है कि वह पुष्पक बुलियन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के आर्थिक हेराफेरी में आरोपी महेश पटेल और चंद्रकांत पटेल का सहभागी है। इन दोनों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED ने 2017 में कार्रवाई की थी।