मोटर व्हीकल बिल- नाबालिग गाड़ी चलाता पकड़ा गया तो पेरेंट्स भरेंगे जुर्माना, जाएंगे जेल
नई दिल्ली: मोटर व्हीकल संशोधन विधेयक 2019 को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है. पुराने कानून में संशोधन के बाद सड़कों पर नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भारी जुर्माना भी लागाया जाएगा. सदन में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ किया कि इस संशोधन के जरिए वह राज्यों के अधिकार में कोई दखल नहीं देना चाहते हैं. संशोधन के प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम किया जा सके.
इस संशोधन के पास होने के बाद सड़क सुरक्षा के नियम बहुत ही सख्त हो गए हैं. यातायात नियमों को तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. संशोधन के मुताबिक ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है. कई ऐसे मामले जिनमें पहले सजा का प्रावधान नहीं अब उसमें सजा का भी प्रावधान कर दिया गया है.
(1) पहले सीटबेल्ट या हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माना 100 रुपये था. नए संशोधन के बाद यह बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है.
(2) लिमिट स्पीड से तेज गाड़ी चलाने पर इस समय जुर्माने की मौजूदा राशि 500 है जो कि बढ़ाकर 5,000 रुपये किया गया है.
(3) नए संशोधन के मुताबिक अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं तो 10 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. पहले यह जुर्माना 2,000 रुपये था.
(4) संशोधन पास होने के बाद आपातकालीन सेवाओं के लिए रास्ता नहीं देने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
(5) सड़क हादसे में मारे गए लोगों की मुआवजा राशि बढ़ाकर 5 लाख और गंभीर रूप से घायलों की 2.5 लाख की गई है.
(6) संशोधन में यह भी कहा गया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए आधार संख्या का उपयोग जरूरी होगा.
(7) मौजूदा दौर में ड्राइविंग लाइसेंस 20 साल के लिए वैध है और बिल का उद्देश्य वैधता को 10 साल तक कम करना है.
(8) 55 साल की उम्र के बाद अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराने वाले लोगों की वैधता केवल पांच साल होगी.
(9) लाइसेंस की वेलिडिटी खत्म होने के बाद एक साल तक रिन्यू किया जा सकता है.
(10) एग्रीगेटर्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का अनुपालन करना भी आवश्यक होगा.
(11) सड़क के गड्ढों और उनके रखरखाव की चूक से होने वाली दुर्घटना के लिए ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी.
(12) अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो गाड़ी मालिक या उसके पेरेंट को दोषी माना जाएगा. इसके लिए 25,000 का जुर्माना या 3 साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है.
विधेयक में तेज गाड़ी चलाने पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. बिना बीमा पॉलिसी के वाहन चलाने पर भी जुर्माना रखा गया है. बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना और तीन महीने के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाना शामिल है.
इस विधेयक में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा.