विनम्र नहीं हैं तो सुन नहीं सकते, सुनना रुकेगा तो सीखना बंद हो जाएगा – आनंद महिंद्रा
- यूं तो आनंद महिंद्रा रोज ही चर्चा में रहते हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट देश में चर्चा का कारण बनती हैं, लेकिन इन दिनों वो अपनी कंपनी के नए-नए लॉन्च के कारण खबरों में हैं। उनकी सफलता का राज जानिए इस स्पीच में…
‘अगर आप बिज़नेस में ही नहीं, जीवन में भी सफल होना चाहते हैं, तो ह्यूमिलिटी (विनम्रता) पहली शर्त है। यह निश्चित रूप से वो पहली चीज नहीं जिस पर आप जैसे नौजवान- जिन्होंने हाल ही एमबीए किया है- सोचते भी होंगे। आप इसको भविष्य बनाने से जोड़ने में असमर्थ हैं क्योंकि इसे आपने स्कूल में पढ़ा नहीं है। महान कंसल्टेंट और लेखक जीन कॉलिन्स ने 11 सफल बिजनेस का अध्ययन किया। ये वो बिजनेस थे, जिन्होंने लगातार 15 साल तक हाई रिटर्न्स दिए थे। इन सभी के सीईओ में एक खूबी कॉमन थी- विनम्रता और मजबूत इच्छाशक्ति का मेल। यहां आपको लग सकता है कि ये दोनों ही बातें एक-दूसरे की उलट हैं। यह सच भी है… अगर मैं भी अभी एमबीए करके बाहर आया हूं और अपना मुकाम हासिल करना चाह रहा हूं तो मैं अपनी इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करूंगा। आखिर मैं आत्मविश्वास से भरा और विनम्र एक ही वक्त पर कैसे हो सकता हूं। लेकिन आज मैं कह सकता हूं कि विनम्रता और मजबूत इच्छाशक्ति में कोई विरोधाभास नहीं है। विनम्रता किसी भी तरह से आत्मविश्वास का विलोम नहीं है।
महिंद्रा ग्रुप में 137 कंपनियां हैं, जो 11 बिजनेस सेक्टर्स में काम करती हैं। यह वो ग्रुप है जो इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, सीए और उनके वकीलों से पटा हुआ है। सभी मुझसे ज्यादा जानकार हैं। अगर मैं मूर्खतावश उन्हें यह संदेश देने की कोशिश करता हूं कि चूंकि मैं इस कंपनी का मालिक हूं इसलिए मैं सब जानता हूं… तो मैं गारंटी देता हूं कि महिंद्रा ग्रुप कल खत्म हो जाएगा। मैं केवल उन्हें लीड कर सकता हूं कि मैं कंडक्टर बना रहूं जैसा कि एक बड़े ऑर्केस्ट्रा में आप देखते हैं।
लीडर सामने देखते हैं…
– लीडर कभी दाएं-बाएं या पीछे मुड़कर नहीं देखते, वो हमेशा सामने देखते हैं।
– विनम्रता से समझौता कभी नहीं किया जा सकता।
– दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों को भी जिंदगी अपने अंदाज में जरूर सिखाती है।
तो… मेरा पहला काम है विनम्रता को अपनाना। यह समझना कि सभी संगीतकार अपने वाद्यों में मुझसे ज्यादा कमांड रखते हैं। मेरी स्किल केवल यह रह जाती है कि मैं अच्छे संगीतकारों को ढूंढ निकालूं… और उन्हें महान धुन बजाने में मदद करूं। एक बार वो मेरे साथ संगीत बनाना सीख गए, तो उनका पैशन और स्किल्स, एक साधारण धुन को भी अद्भुत ‘सिम्फनी’ में तब्दील कर देगा।
अगर आप विनम्र नहीं हैं, तो सबसे पहले आप सुनना बंद कर देते हैं। सुनना बंद कर देंगे तो आप सीखना बंद कर देंगे। दुनिया बेहद तेज और उठापटक वाली है। आप सबकुछ नहीं जान सकते।
आप आज जब घर जाएंगे तो कई लोग आपकी पीठ थपथपाएंगे। इस सबके बीच आप थोड़ा-सा वक्त निकालिए और उन लोगों की लिस्ट बनाइए, जिन्होंने आपको यह मुकाम हासिल करने में मदद की, प्रेरित किया। जिन्होंने आपको सिखाया। यह दिन खत्म हो उससे पहले आप इन लोगों से बात कीजिएगा। कॉल या मेल कीजिए, टेक्स्ट कीजिए… उनका शुक्रिया अदा कीजिए और वादा कीजिए कि आप कभी सुनना बंद नहीं करेंगे।’
(एमआईटी में ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान उद्योगपति आनंद महिंद्रा)