चारों कालेज की रिपोर्ट पहुंची प्रशासन के पास, दबाकर बैठ गए अधिकारी …
चारों महाविद्यालयों की रिपोर्ट को उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी पचा गए हैं और कोई कार्यवाई नहीं की है …
ग्वालियर.। जीवाजी विश्वविद्यालय में पैसे लेकर मान्यता देने के मामले में काफी हंगामा हुआ। प्रशासन ने इसकी जांच राजस्व, जिला प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग एवं जीवाजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कराई। इसमें चार कालेजों में गड़बडी मिली। उच्च शिक्षा विभाग को इसकी स्पष्ट रिपोर्ट भेजी गई। उच्च शिक्षा विभाग ने इन चाराें महाविद्यालयों को नोटिस तक जारी किए। इसके बाद इन चारों महाविद्यालयों की रिपोर्ट को उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी पचा गए हैं ना तो आज तक महाविद्यालयों पर कोई कार्रवाई हुई, और ना ही पहले मान्यता देने वाले प्रोफेसरों पर कार्रवाई हुई।
जीवाजी विश्वविद्यालय में संबंद्धता देने के मामले में पैसों के लेनदेन का मामला लगातार उठाता रहा है। यह पहली बार नहीं है जब विश्वविद्यालय प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हों। इससे पूर्व भी कई बार संबंद्धता के मामले में पैसों के लेने देन की बात लगातार सामने आती रही है। बिना निरीक्षण संबंद्धता देने के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा किए गए आंदोलन के बाद चार कालेजों की जांच प्रशासन, राजस्व एवं जेयू की टीमों ने की थी। इनमें से दो कालेजों की रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी गई थी। जबकि दो अन्य कालेजों की रिपोर्ट गुरुवार को उच्च शिक्षा विभाग को सौंप दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग इन चारों महाविद्यालयों की रिपोर्ट शासन को सौंपी गई।
ऐसे हुआ था मामला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जीवाजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन पर भष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही विद्यार्थी परिषद ने दो दिनों तक लगातार विश्वविद्यालय में आंदोलन भी किया था, पहले दिन कुलपति का घेराव किया गया था, जबकि दूसरे दिन विश्वविद्यालय में तालाबंदी कर दी गई थी। इस प्रदर्शन के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने चारों कालेजों की जांच जेयू, राजस्व एवं प्रशासन की टीमें बनाकर एक ही दिन में कराने का निर्णय लिया था। बुधवार को कालेजों का निरीक्षण कर अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार की थी, इसमें से आइडियल कालेज एवं रामराजा कालेज की रिपोर्ट गुरुवार को सौंप दी गई थी, जबकि शुक्रवार को राधाकृष्ण एवं कराहल कालेज की रिपोर्ट सौंपी गई थी।