सुप्रीम कोर्ट ने बजरी खनन मामले में राजस्थान सरकार को दिया नोटिस, मांगा जवाब

नई दिल्ली: बजरी खनन मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा. अवमानना याचिका बजरी ऑपरेटर वेलफेयर सोसायटी अध्यक्ष नवीन शर्मा की तरफ से दाखिल की गई थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरे राजस्थान में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि रोक के बावजूद धड़ल्ले से प्रदेश में बजरी खनन हो रहा है.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर रोक के बावजूद अवैध रूप से बजरी खनन जारी है. प्रशासनिक निगरानी के अभाव में खनन माफिया के हौसले बुंलद है. जिस कारण दिन के उजाले में भी बजरी माफिया अवैध रूप से ट्रैक्‍टरों के माध्‍यम से निर्माण स्‍थलों पर बजरी पहुंचा रहे है. खबरों के मुताबिक जिले में सुमेरपुर और शिवंगज के बीच बहने वाली जवाई नदी में बजरी का अवैध खनन सबसे ज्यादा हो रहा है. इसके अलावा सुमेरपुर उपखण्‍ड क्षेत्र की सभी नदियों में अवैध बजरी खनन का कार्य जोरों पर है.

गौरलतब है कि हाल ही में सवाईमाधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखंड के बिलोली नदी और श्यामोली बनास नदी के पास अवैध बजरी के खिलाफ कार्रवाई की थी. इस दौरान करीब 31 हजार टन बजरी जब्त की गई. जिला कलेक्टर सत्यपाल सिंह के निर्देशन पर चलाए गए अभियान के दौरान मलारना डूंगर एसडीएम मनोज वर्मा के साथ राजस्व, माइनिंग, पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद थे.

वहीं अभियान के दौरान जब्त बजरी के स्टॉक को कब्जे में लेने के बाद एसडीएम ने हल्का पटवारी व ग्राम विकास अधिकारियों के साथ वन विभाग के कर्मचारियों को निगरानी करने का निर्देश दिए. बनास नदी के आसपास खातेदारी भूमि सिवायचक और चरागाह भूमि में बजरी माफियाओं ने अवैध तरीके से बजरी के स्टॉक बना रखे हैं.

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