हमीदिया-सुल्तानिया में स्क्रीनिंग …? देश के सबसे बड़े ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग मैसूर ने हमीदिया में शुरू किया सेंटर; 4 महीने में 1138 नवजातों की स्क्रीनिंग
देश के सबसे बड़े ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग (एआईआईएसएच) मैसूर ने हमीदिया अस्पताल में अपना आउटरीच सर्विस सेंटर शुरू किया है। 4 महीने पहले शुरू किए गए इस सेंटर में अब तक 1138 नवजात बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 213 बच्चों को सुनने में परेशानी होने का पता चला। ऐसे में उन्हें 2 से 3 हफ्ते में दोबारा जांच कराने के लिए बुलाया गया था, लेकिन परिजनों की लापरवाही का आलम यह है कि महज 148 ही अपने बच्चों को जांच के लिए लेकर आए, जबकि 65 नवजात तो दोबारा जांच के लिए आए ही नहीं।
यहां बता दें कि स्क्रीनिंग से यह पता लगाया जाता है कि बच्चों को सुनने या बोलने में कोई परेशानी तो नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 5 साल के लिए यह सेंटर हमीदिया में शुरू किया है। नई बिल्डिंग में फर्स्ट फ्लोर पर बनाए गए पीडियाट्रिक वार्ड में यह सेंटर चल रहा है, जो दो पारियों में काम करता है। पहली पारी में सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक हमीदिया में और दूसरी पारी में दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक सुल्तानिया अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है।
जिन्हें सुनने में परेशानी, उन्हें फ्री देतेे हैं हियरिंग एड्स
जांच के दौरान जिन बच्चों को सुनने में परेशानी होने की पुष्टि होती है, उन्हें एआईआईएसएच मैसूर की ओर से नि:शुल्क हियरिंग एड (श्रवण यंत्र) दिए जाते हैं। बाजार में हियरिंग एड की कीमत 10 हजार से शुरू होती है। एआईआईएसएच मैसूर को केंद्र सरकारी की ओर से फंड उपलब्ध कराया जाता है।

बढ़ाया जा रहा है स्टाफ
अभी यहां एआईआईएसएच मैसूर की ओर से एक ऑडियोलॉजिस्ट फ्रेडी जोस और एक स्पीच लेंग्वेज पैथोलॉजिस्ट बंधन कुमार प्रधान को तैनात किया है। अब इसी महीने एक-एक असिस्टेंट और तैनात किया जा रहा है।
एआईआईएसएच मैसूर का सेंटर शुरू हुआ है। यह 5 साल का प्रोजेक्ट है, इसके तहत सभी नवजात बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसका लाभ मिले।
-डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव, एचओडी, पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट, जीएमसी