MP के 85% नगरीय निकायों पर BJP का कब्जा …?

सागर के शहरों से साफ हुई कांग्रेस, सीएम के जिले में निर्विरोध बने अध्यक्ष; जानिए- कहां-कौन बना अध्यक्ष …

मप्र में नगरीय निकायों के चुनाव पूरे हो गए हैं। प्रदेश के 16 नगर निगम, 76 नगर पालिकाओं, 255 नगर परिषदों में अध्यक्षों का चुनाव पूरा हो गया। महानगरों से कस्बों तक अपना कब्जा जमाने में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली है। प्रदेश के करीब 85% निकायों में भाजपा अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों काे अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही है। इस चुनाव में सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने गृह जिले सीहोर में

कांग्रेस विहीन हुआ सागर जिला

सागर जिले में कुल 14 नगरीय निकायों के चुनाव हुए हैं। सागर नगर निगम के अलावा, 4 नगर पालिकाओं के अलावा, 9 नगर परिषदों में से कांग्रेस एक भी निकाय में अध्यक्ष नहीं बना पाई। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के क्षेत्र रहली नगर पालिका में भाजपा के देवराज सोनी निर्विरोध अध्यक्ष बने। जबकि सागर जिले की 9 नगर परिषदों में 7 में निर्विरोध अध्यक्ष बने हैं।नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह के प्रयासों से सागर जिले की मालथौन, बिलहरा,बरोदिया कलां, बंडा, बांदरी, सुरखी और राहतगढ़ नगर परिषद में निर्विरोध अध्यक्ष बने हैं।

विंध्य में कांग्रेस को बढ़त मिली

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विंध्य क्षेत्र से करारी शिकस्त मिली थी। लेकिन नगरीय निकाय के चुनावों में कांग्रेस को विंध्य में अच्छी बढ़त मिली है। सतना के नागौद, अमरपाटन, सीधी के चुरहट, रीवा के हनुमना में कांग्रेस को नगर परिषद अध्यक्ष बनाने में सफलता मिली है। रीवा नगर निगम और सीधी नगर पालिका में भी कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष बीते लगातार विंध्य क्षेत्र में रहकर कांग्रेस का वनवास खत्म करने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं।

इन नगर पालिकाओं में कांग्रेस की जीत

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ कहे जाने वाले अशोकनगर के चंदेरी नगर पालिका में कांग्रेस के दशरथ कोली अध्यक्ष बन गए। चंदेरी से कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। पूर्व मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्वार्थ मलैया की बगावत का कांग्रेस को फायदा मिला। दमोह और हटा में कांग्रेस को नगर पालिका अध्यक्ष बनाने में कामयाबी मिल गई। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के क्षेत्र शाजापुर में भी कांग्रेस नगर पालिका अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गई। दो दशकों से बीजेपी के कब्जे में रही टीकमगढ़ नगर पालिका में कांग्रेस के अब्दुल गफ्फार नगर पालिका अध्यक्ष बनने में कामयाब हो गए।

कांग्रेस विधायकों की बची साख

कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा अपने सोनकच्छ नगर परिषद में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए। वहीं जबलपुर के बरगी से कांग्रेस एमएलए संजय यादव के क्षेत्र भेडाघाट नगर परिषद में कांग्रेस जीती।

भाजपा विधायक और मंत्री नहीं बचा पाए अपना क्षेत्र

उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी के विधानसभा क्षेत्र खरगापुर के पलेरा में कांग्रेस ने नगर परिषद पर कब्जा कर लिया। यहां भाजपा के प्रदेश महामंत्री और जतारा से भाजपा विधायक हरिशंकर खटीक के परिवार का लंबे समय से नगर परिषद पर कब्जा था। पूर्व मंत्री और नागौद के भाजपा विधायक नागेन्द्र सिंह के गृहनगर नागौद नगर परिषद में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। मप्र सरकार के मंत्री रामखेलावन पटेल के गृह क्षेत्र अमरपाटन नगर परिषद में कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया।

ग्वालियर- पूर्व मंत्री लाखन सिंह अपने क्षेत्र में प्रत्याशी तक नहीं उतार सके
ग्वालियर जिले की 5 नगर परिषदों में चार(आंतरी, भितरवार, बिलौआ, पिछोर) में भाजपा के अध्यक्ष बने। जबकि मोहना नगर परिषद में कांग्रेस का अध्यक्ष बना।
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे लाखन सिंह यादव अपने क्षेत्र भितरवार नगर परिषद में प्रत्याशी तक नहीं उतार सके। यहां बीजेपी ने निर्विरोध अध्यक्ष बना लिया। वहीं ग्वालियर जिले की एकमात्र डबरा नगर पालिका में बीजेपी की लक्ष्मीबाई अध्यक्ष चुनीं गईं।

वीडी के इलाके में बीजेपी को शानदार सफलता मिली
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र खजुराहो लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को नगरीय निकायों में बड़ी कामयाबी मिली है। छतरपुर जिले की तीनों नगर पालिकाओं (छतरपुर, नौगांव, महाराजपुर) में भाजपा अपने अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही। छतरपुर जिले की 12 नगर परिषदों में 11 में बीजेपी के अध्यक्ष बने। सिर्फ सटई नगर परिषद में कांग्रेस अपना अध्यक्ष बना पाई। कटनी जिले की तीनों नगर परिषदों (विजय राघवगढ़, कैमोर, बरही) में बीजेपी अपने अध्यक्ष बनाने में सफल रही। पन्ना जिले की 6 नगर पालिकाओं में बीजेपी के अध्यक्ष बने। अजयगढ़, अमानगंज और पवई में निर्विरोध बीजेपी अपने अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही। पन्ना नगर पालिका में भी भाजपा को अध्यक्ष बनाने में सफलता मिली।

सीएम के गृह जिले में निर्विरोध बने अध्यक्ष
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृहजिले सीहोर के 7 नगर परिषदों में से चार में (बुधनी, शाहगंज, रेहटी, नसरूल्लागंज) में निर्विरोध अध्यक्ष बने। दोनों नगर पालिकाओं में भाजपा के अध्यक्ष बने। आष्टा में भी भाजपा निर्विरोध नगर पालिका अध्यक्ष बनाने में सफल हुई। सीएम के गृह जिले सीहोर में कांग्रेस को एक मात्र निकाय पर जीत मिल सकी। सीहोर की कोठरी नगर परिषद में कांग्रेस की नगीना बी अध्यक्ष बनने में कामयाब हो गईं।

मुरैना नगर पालिका, और नगर परिषदों में बची मंत्री तोमर की साख
मुरैना में महापौर का चुनाव हारने के बाद केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के गृह जिले मुरैना की 4 नगर पालिकाओं में भाजपा अध्यक्ष बनाने में कामयाब हुई। वहीं 4 नगर परिषदों में से तीन में भाजपा और कांग्रेस एक नगर परिषद में के अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो पाई।

नेता प्रतिपक्ष के गढ़ में 50-50 रहा चुनावी मैच
नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह के गृह जिले भिंड में नगरीय निकायों के चुनाव का रिजल्ट लगभग बराबर रहा। डॉ.गोविन्द सिंह अपने क्षेत्र की दो नगर पालिकाओं लहार और रौन में निर्विरोध अध्यक्ष बनाने में कामयाब हुए। वहीं भिंड नगर पालिका में भाजपा की वर्षा बाल्मीक अध्यक्ष चुनी गईं। भिण्ड जिले की 10 नगर परिषदों में 5 कस्बों में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। दबोह, आलमपुर, मिहोना में निर्विरोध कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वहीं फूप, मौ, मालनपुर, अकोड़ा, रौन में भाजपा अपने अध्यक्ष बनाने में सफल हुई। बीजेपी ने भी फूप, मालनपुर और अकोड़ा में निर्विरोध अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गई।

कमलनाथ के गढ़ में सभी नगर पालिकाओं पर बीजेपी का कब्जा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा की तीनों नगर पालिकाओं अमरवाड़ा, चौरई और परासिया में भाजपा के अध्यक्ष चुने गए। 7 नगर परिषदों में से चार कांग्रेस और तीन में भाजपा के अध्यक्ष चुने गए।

नगर परिषद अध्यक्षों की लिस्ट

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