सुषमा स्वराज ने जब सोनिया गांधी को दी टक्कर, 15 दिनों में सीखी कन्नड़ भाषा
नई दिल्ली: भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज नहीं रहीं. बेहद कम उम्र में ही सक्रिय राजनीति में पदार्पण करने वाली सुषमा स्वराज का सबसे मशहूर मुकाबला कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ रहा. 1990 के दशक में सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा भारतीय राजनीति के केंद्र में था. उसी दौर में कांग्रेस की कमान संभालने के बाद सोनिया गांधी ने कर्नाटक के बेल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ा. बेल्लारी सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. सोनिया गांधी की चुनावी मुहिम के लिए उसको सबसे सुरक्षित सीट माना गया.
बीजेपी ने सोनिया को टक्कर देने के लिए अपनी करिश्माई नेता सुषमा स्वराज को बेल्लारी से मैदान में उतार दिया. वह उस दौर में सोनिया के विदेशी मूल के मुद्दे पर काफी मुखर भी थीं. हालांकि कर्नाटक में उस वक्त बीजेपी की बहुत उर्वर जमीन नहीं थी लेकिन सुषमा ने उस चुनौती को स्वीकार करते हुए महज 15 दिनों में कन्नड़ भाषा सीखकर सोनिया को जबर्दस्त टक्कर दी. सुषमा की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भले ही उनको वहां प्रचार के लिए महज दो हफ्ते का समय मिला लेकिन आम जनता की आवाज में अपनी बात रखकर उन्होंने बेल्लारी वासियों का दिल जीत लिया. हालांकि चुनावी नतीजा भले ही सोनिया गांधी के पक्ष में रहा लेकिन सुषमा ने उनको टक्कर दी. सुषमा स्वराज को 3, 58,000 वोट मिले और हार-जीत का अंतर महज 7% रहा.
सियासत की ‘सुषमा’
– 25 साल की उम्र में मंत्री बनीं
– 7 बार सांसद
– पहली महिला विदेश मंत्री (इंदिरा गांधी ने पीएम रहते हुए विदेश मंत्रालय संभाला था)
– दिल्ली की पहली महिला सीएम
‘अटल युग’ से ‘मोदी राज’ तक सुषमा
-वाजपेयी सरकार में मंत्री
– मोदी सरकार में मंत्री
– 1996: सूचना-प्रसारण मंत्री
– 2014-19: विदेश मंत्री
राजनीति में पहली बार
1977
पहली बार विधायक
1990
पहली बार सांसद
1996
पहली बार केंद्रीय मंत्री
1998
पहली बार मुख्यमंत्री
राज्यों की राजनीति में
हरियाणा
1977 में विधायक
दिल्ली
1996 में सांसद
कर्नाटक
1999 में बेल्लारी से चुनाव लड़ा
उत्तर प्रदेश
2000 में राज्यसभा सदस्य
मध्य प्रदेश
2009, 2014 में विदिशा से सांसद रहीं