हट गई धारा 144, 31 अक्टूीबर से केंद्र शासित प्रदेश कहलाएंगे जम्मू3-कश्मीूर और लद्दाख
नई दिल्ली : जम्मू और कश्मीर से भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब घाटी में हालात सामान्य होने लगे हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है. दोनों ही नए केंद्र शासित प्रदेश 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आ जाएंगे. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है. गृह मंत्रालय ने भी इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
जम्मू और कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. धारा 144 हटने के बाद जम्मू के सभी जिलों में स्कूल और कॉलेज शनिवार को खुल गए हैं. सड़कों पर चहल पहल देखी जा रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन कानून को मंजूरी दे दी है. इसके तहत दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आ जाएंगे. 31 अक्टूबर देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है, जिन्होंने आजादी के बाद 565 रियासतों का भारत गणराज्य में विलय कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि शांति के साथ ईद मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के भाषण ने शांति स्थापित करने का काम किया है. राज्य में हालात शांतिूपर्ण हैं. ईद के मद्देनजर पहले और बाद में छूट दी जाएगी, जिससे कि त्योहार को पूरे उत्साह से मनाया जाए.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य में हालात की जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया, ‘मैं आज लल्ला डेड हॉस्पिटल और जीबी पंत चिल्ड्रेन हॉस्पिटल गया था. वहां पर सभी सुविधाएं ठीक हैं. दवाओं, मरीजों के इलाज और एंबुलेंस संबंधी खर्चों के लिए फंड जारी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि श्रीनगर में सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है. ईद के लिए 2.5 लाख बकरों/बकरियों की व्यवस्था की गई है. हमारे पास दो महीने का राशन का स्टॉक है. साथ ही एलपीजी, पेट्रोल और डीजल का भी पर्याप्त स्टॉक है.
राज्यपाल के मुताबिक राज्य के लोगों बिजली, पानी संबंधी कोई परेशानी ना हो, इसलिए 1600 कर्मचारी कार्यरत हैं. अधिकांश एटीएम भी सुचारू रूप से काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों का अगस्त की सैलरी भी एडवांस में दे दी गई है.