ऋषि ने लिया भारत के अपमान का बदला …?

आजादी के समय ब्रिटिश PM ने कहा था- भारतीय नेता कमजोर, आज भारतीय ही ब्रिटिश PM …

भारत की आजादी के धुर विरोधी रहे उस समय के ब्रिटिश PM विंस्टन चर्चिल ने कभी कहा था- ‘अगर भारत को आजाद किया गया तो सत्ता गुंडों और मुफ्तखोरों के हाथ में चली जाएगी। सभी भारतीय नेता बहुत ही कमजोर, भूसे के पुतलों जैसे होंगे…’

आज उसी विंस्टन चर्चिल के यूनाइटेड किंगडम का प्रधानमंत्री एक भारतीय मूल का व्यक्ति बन रहा है।

भारत को अपनी कॉलोनी (उपनिवेश) बना हम पर 200 साल तक राज करने वाले अंग्रेजों के अपने देश में अब भारतीयों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। भारत से बाहर रहने वाले भारतीयों की आबादी के लिहाज से देखें तो UK का रिवर्स कॉलोनाइजेशन हो रहा है।

पूरे ब्रिटिशराज में जितने गोरे भारत में रहे…आज उसके 10 गुना भारतीय UK में

पूरे ब्रिटिश राज के दौरान जितने अंग्रेज भारत में रहे…उसके 10 गुना भारतीय आज UK में रहते हैं। 1941 की जनगणना के मुताबिक उस वक्त भारत में 1.44 लाख के करीब यूरोपीय (ब्रिटिश) रहते थे। आज ब्रिटेन में भारतीय मूल के लोगों की आबादी 16 लाख से ज्यादा है।

UK में बसी ये भारतीय आबादी वहां शिक्षा, प्रोफेशन्स, राजनीति हर क्षेत्र में अपना दबदबा कायम कर रही है। इसी दबदबे का असर है कि ब्रिटेन की लगभग हर सरकार में अब कैबिनेट में भारतीय चेहरा जरूर होता है।

भारतीयों की पहचान और उनकी क्रेडिबिलिटी सिर्फ भारतीयों के बीच ही नहीं, बल्कि UK में बसे अंग्रेजों और अन्य एथिनिक ग्रुप्स के बीच भी काफी ज्यादा है। यही वजह है कि ऋषि सुनक की लोकप्रियता की तुलना लोग टोनी ब्लेयर से करते हैं।

पहले समझिए, UK में ऋषि सुनक पॉपुलर क्यों?

ऋषि कंजर्वेटिव पार्टी में काफी पसंद किए जाते रहे हैं। तभी 2015 में उन्हें यॉर्क्स की रिचमंड सीट से सांसद के चुनाव में उतारा गया। यह सीट कंजर्वेटिव्स की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक मानी जाती है। 100 वर्षों से ज्यादा समय से यहां कंजर्वेटिव ही जीतते रहे हैं। ऋषि तभी से लगातार इसी सीट से सांसद हैं।

बोरिस जॉनसन ने उन्हें 2019 में चीफ सेक्रेट्री ऑफ ट्रेजरी बनाया था। उसके अगले ही दिन उन्हें प्रिवी काउंसिल का सदस्य भी बना दिया गया। 13 फरवरी, 2020 के कैबिनेट रिशफल में उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया।

ये कोरोना महामारी का दौर था। इस दौर में महामारी के आर्थिक असर को कम करने, नौकरियां बचाने और कंपनियों को सपोर्ट करने की उनकी नीतियां जनता में काफी लोकप्रिय रहीं।

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