चंबल नदी पुल खुलते ही लगा जाम …!

चेकिंग के चलते पुल पर खड़े हो गए आधा सैकड़ा वाहन
चंबल नदी पुल खुलते ही लगा जाम …

फूप .चंबल पुल खुलने के दूसरे दिन से नेशनल हाईवे पर जाम की समस्या शुरू हो गई है। सोमवार-मंगलवार की रात से यूपी की सीमा से रानीपुरा तक 4 किमी की लंबाई में जाम लग गया। 40 टन की क्षमता वाले पुल पर 50 गुना अधिक भार लिए 13 घंटे रेत-गिट्टी के ओवरलोड वाहन और सवारी बस खड़ी रहीं। पूर्व में पुल के क्षतिग्रस्त होने के पीछे जाम मुख्य कारण रहा था। वही स्थिति एक बार फिर पुल खुलने के बाद बनने लगी है। जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई की बात कर रहा है तो दूसरी तरफ इटावा कलेक्टर अवनीश राय ने जाम के पीछे भिण्ड प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।

कलेक्टर का कहना है पुल को निरीक्षण उपरांत चालू करवाया है। एमपी की सीमा से ओवरलोड वाहन आ रहे हैं। जिस पर भिण्ड प्रशासन ब्रेक लगाए। समय पर चेकिंग करवाकर आरटीओ और माइनिंग को आदेशित किया है। प्रशासन को देखना चाहिए कि अपने क्षेत्र से आवरलोड वाहन न निकलें। जिले की खदानों से आए ओवरलोड वाहनों पर प्रशासन लगाम लगाए। यहां जैसे ही चेकिंग लगाते हैं, हाईवे पर जाम की स्थिति बनती है।

इसलिए रहता है जाम

चंबल पुल से होकर रोजाना सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। जिले की रेत व गिट्टी की खदानों के साथ ही चंबल के डंप रेत के वाहन यूपी के जिलों में रेत का विक्रय करने जाते हैं। अवैध रूप से वाहनों को निकालने से पहले चालक यूपी की सीमा से सिग्नल मिलने का इंतजार करते हैं। लेकिन जब उदी मोड़ पर चंबल के पास चेकिंग लगती है जाम की स्थिति बनती है। ओवरलोडिंग को रोकने जिला प्रशासन आश्वासन देकर भूल जाता है। बाद में यह स्थिति दोबारा बनने लगती है।

6 घंटे रहा जाम

यूपी की सीमा में माइनिंग व आरटीओ की चेकिंग के साथ ही आधी रात को6 से …..बजे के बाद जाम की स्थिति बनने लगी। एमपी की सीमा से गुजरने वाले रेत-गिट्टी के ओवरलोड और बिना रॉयल्टी के वाहन दूसरी तरफ से इशारा मिलने के इंतजार में रोड पर खड़े रह गए। रात तीन बजे चंबल पुल के साथ बरही, रानीपुरा तक लंबा जाम लग गया। सुबह 10 बजे फूप थाने से पुलिसबल पहुंचा, तब एक-एक कर वाहनों को निकाला गया। दोपहर 1 बजे पूरी तरह से नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी।

मरम्मत पर खर्च हुए साढ़े तीन करोड़क्षतिग्रस्त होने के बाद चंबल पुल 26 जून को भारी वाहनों के लिए बंद किया गया था। बरेली की एएम बिल्डर्स को सेतु निगम ने साढ़े तीन करोड़ रुपए में ठेका दिया था। लगातार छह माह तक पल पर जाम की स्थिति बनने के कारण यह क्षतिग्रस्त हुआ और चार महीने तक वाहनों को प्रतिबंधित किया गया। 122 दिन बाद पुल खुला तो लोगों में खुशी की लहर थी, लेकिन पूर्व की तरह जाम की समस्या से एक बार फिर पुल पर संकट मडराने लगा है।

 

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