​​​​​​​STF की छापेमारी के बाद 5 पेट्रोल पंप सील … मशीनों में चिप-मदर बोर्ड बदले …!

नायरा कंपनी के है पेट्रोल पंप; कई पंप मालिक बंद करके भागे …

STF की टीम ने मेरठ में नायरा कंपनी के 11 पंट्रोल पंप पर देर शाम छापेमारी की। इस दौरान STF की 8 टीम ने 5 पंप की मशीनों में गड़बड़ी पकड़ी है। प्रशासन ने बताया कि शहर में नायरा कंपनी के 11 पेट्रोल पंप है। छापेमारी के दौरान जिन पेट्रोल पंपों के कर्मचारी और मैनेजर ताला लगाकर भाग निकले वहां शुक्रवार को दोबारा जांच की जाएगी।

इन पांच पेट्रोल पंपों को किया गया सील

छापेमारी के दौरान सभी पर पुलिस तैनात कर दी गई। देर रात पंप सील किये गये।
छापेमारी के दौरान सभी पर पुलिस तैनात कर दी गई। देर रात पंप सील किये गये।

स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) मेरठ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बृहस्पतिवार देर शाम 8 टीम लगाकर छापेमारी की। जिससे शहर और देहात के पंपों पर खलबली मच गई। कार्रवाई प्रशासन और आपूर्ति विभाग के अधिकारी भी साथ में पहुंच गये। लेकिन STF की टीमें इतनी थी कि, मशीनों की जांच के लिए एक्सपर्ट भी साथ में लिए गये थे।

वहीं, मिलावटी तेल को लेकर सैंपल जांच भेजे जाएंगे। अभी तक की जांच में सामने आया है कि घटतौली के साथ मिलावटी तेल भी बेचा जा रहा था। नायरा कंपनी के माधवपुरम, परतापुर, मवाना, सैनी और भटीपुरा स्थित पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की गई है। देर रात आपूर्ति विभाग ने इन्हें सील करते हुए पुलिस तैनात कर दी।

33 लीटर पर एक लीटर की घटतौली

STF टीम में छापेमारी में अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह भी खुद साथ रहे। बृजेश सिंह ने बताया कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि हर पांच लीटर डीजल या पेट्रोल पर 150 ML की घटतौली मिली है। यानी 33 लीटर तेल पर एक लीटर की घटतौली मिली है। यह घटतौली मशीनों में चिप लगाकर की जा रही है।

मशीनों और मीटर की रीडिंग सही बताती थी, जबकि ग्राहक को एक लीटर तेल पर 30 एमएल फ्यूल कम मिलता था। जांच में सामने आया की मदरबोर्ड चेंज मिले हैं, जबकि इनमें एकस्ट्रा चिप लगाकर घटतौली की जा रही थी।

कंपनी से खरीदा 10 हजार लीटर, 2 हजार एक्सट्रा तेल मिला

मदर बोर्ड ही मशीनों के चेंज मिले
मदर बोर्ड ही मशीनों के चेंज मिले

अभी तक की जांच में सामने आया कि जिन पांच पेट्रोल पंप पर जो कार्रवाई की गई है। वहां टैंकों में 10 हजार लीटर तेल कंपनी से खरीदा जाता था। इस तेल को स्टॉक किया जाता था, लेकिन टैंकों में 2 हजार लीटर डीजल या पेट्रोल अलग से भर दिया जाता था। एसटीएफ मान रही है कि दो हजार लीटर अतिरिक्त जो तेल भरा जाता था यह सॉल्वेंट या मिलावटी था।

जब तेल कंपनी से जो तेल मंगाया जाता था और आपूर्ति विभाग या प्रशासन को जो रिकार्ड दिया जाता था वह कंपनी के तेल का दिया जाता था, लेकिन अतिरिक्त तेल का रिकार्ड मशीन नहीं बताती थी। प्रशासन ने बताया कि एस्सार को की नायरा कंपनी ने खरीद लिया था।

मिलावट और घटतौली का बड़ा खेल

STF ने बताया कि इन पंपों पर मिलावट और घटतौली का बड़ा खेल सामने आया है। जहां मदर बोर्ड ही चेंज मिले। जैसे 5 लीटर पेट्रोल में 150 एमएल कम दिया जा रहा था। जबकि मशीन पेट्रोल पूरा बताती। कंपनी के सर्वर को हैक कर मदरबोर्ड मशीन में लगाया गये। कंपरामाइज ऑटोमेश्न सिस्टम के जरिए यह घटतौली की जा रही थी।

जहां मशीनों में छेड़छाड़ के साथ ऑटोमेशन सिस्टम लगाया गया। डीएम के आदेश पर आपूर्ति विभाग FIR दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहा है। जिनमें तीन पंपों के मालिक समेत 10 लोग हिरासत में है।

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