उज्जैन : 8.56 करोड़ से सज रहे ‘महाकाल’ में हर दिन हंगामा …!
गर्भगृह के 580 टिकट का कोटा तय, लेने वाले 2000 से अधिक …
महाकाल का आंगन साढ़े 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से सज रहा है। यहां बने अद्भुत महाकाल लोक को निहारने प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख लोग पहुंच रहे हैं। इतनी सुविधाओं के बीच यहां हंगामे की स्थिति रोज बन रही है।
मंदिर की 1500 वाली रसीद के लिए दिनभर परेशान हो रहे श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया की आम श्रद्धालुओं को रसीद नहीं दी जा रही है। जबकि कई लोग कार्यालय के अंदर से रसीद ले जा रहे है। भक्तों का आरोप था की टिकिट काउंटर पर बैठे कर्मचारी श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे। जिससे नाराज होकर कई श्रद्धालुओं ने टिकिट काउंटर के बाहर हंगामा कर दिया।
महाकाल मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे है।अधिक भीड़ होने की वजह से महाकाल मंदिर समिति ने गर्भगृह में सिर्फ 1500 रुपए की टिकट लेकर दर्शन करने वाले और प्रोटोकॉल से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अनुमति दी हुई है। ये सभी श्रद्धालु बड़े गणपति मंदिर के पास बने प्रोटोकॉल कार्यालय से टिकट लेकर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते है। 11 अक्टूबर के बाद से बढ़ी भीड़ की वजह से रोजाना प्रोटोकॉल कार्यालय पर विवाद की स्थिति बन रही है।
गुरुवार को भी झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और दिल्ली से आये श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया की सुबह 6 बजे घंटो तक 1500 रुपए की रसीद के लिए लाइन में खड़े है लेकिन दो बार चक्कर लगाने के बाद भी अब तक प्रोटोकॉल टिकट नहीं मिला जिससे गर्भ गृह में जाकर दर्शन मिल जाए। दरअसल महाकाल मंदिर समिति दिन भर में कुल 1500 रुपए के 580 प्रोटोकॉल टिकिट ही श्रद्धालुओं को दे पा रही है। जिसके चलते लाईन में लगे हजारों लोग दिन खाली हाथ लौट रहे है। जिससे विवाद की स्थिति बन रही है।
जानिए गर्भगृह में दर्शन व्यवस्था
महाकाल मंदिर समिति ने मंगलवार से शुक्रवार तक आम भक्तो के लिए भीड़ कम होने की स्थिति में गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था को निःशुल्क रखा है। लेकिन बीते एक माह से भीड़ का दबाव रोजाना बढ़ रहा है जिसके चलते निशुल्क दर्शन नहीं हो पा रहे है। ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं के गर्भगृह में दर्शन के लिए मंदिर समिति रोजाना 1500 रुपए में दो श्रद्धालुओं के लिए एक टिकट जारी करती है। जो की दिन भर में मात्र 580 टिकट का कोटा तय है। इसमें भी सुबह 6 से दोपहर 1 तक 150 टिकट शाम शाम 6 से रात 8 बजे तक मात्र 50 भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था रखी है। बाकी बचे 380 टिकट ये सभी मंदिर में 22 पुरोहित और 16 पुजारी के यजमान के लिए निर्धारित है।ऐसे में रोजाना आने वाले हजारो श्रद्धालु गर्भगृह में दर्शन से वंचित रह जाते है।
दो दिन से लाइन में लगे नहीं मिला टिकट
सुबह से लाइन में खड़े श्रद्धालुओं ने 1500 की टिकट की कालबाज़ारी का आरोप लगाया। झारखंड से दर्शन के लिए पहुंचे विशाल चौहान ने बताया कि दो दिन से लाइन में लगा। आज फिर सुबह 6 बजे से लाइन में लगा हु अब बोल रहे है 11 बजे काउंटर खुलेगा तब टिकट मिलेगा। दिल्ली से आये राजेंद्र मिश्रा ने बताया की हमको टिकिट के लिए मना कर दिया जबकि कई लोगो को टिकट अंदर से बेचे गए।
श्रद्धालुओं से दुर्वव्यहार दुर्व्यहार
1500 की कतार में खड़े श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया की सुबह शाम का बोलकर लगातार चक्कर लगवा रहे है और जब टिकिट काउंटर पर जानकारी लेना चाहो तो कर्मचारी दुर्व्यहार करते है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमे एक बुजुर्ग से महिला कर्मचारी अभद्रता करते दिखाई दे रही है।
आम भक्तो को दर्शन मिले इसलिए टिकट सीमा तय
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक लोकेन्द्र चौहान ने बताया की एक दिन में कुल 580 टिकट की व्यस्था रखी है ताकि आम श्रद्धालु जो गणेश मंडपम और कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करती है उन्हें बाबा महाकाल के दर्शन मिल सके। 1500 की टिकट वाले दर्शनर्थियो को जल्द ही बार कोड से स्कैन कर प्रवेश की व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी।