ग्वालियर शहर के पाश इलाकों की सड़कों पर खुलेआम घूम रहे रेत के अवैध डंपर
ग्वालियर शहर के पाश इलाकों की सड़कों पर खुलेआम घूम रहे रेत के अवैध डंपर
Gwalior illegal Mining News: रेत का अवैध कारोबार करने वाले माफिया अब नए तरीके से काम कर रहे हैं। रात 12 बजे के बाद देहात से शहर में रेत के डंपरों निकाला जाता है!देहात से हाइवे से होते ही बड़ी आसानी से नंबर दो में रेत की सप्लाई की जारहीहै।
– प्रशासन व पुलिस के अधिकारी कर रहे अनदेखी
ग्वालियर । रेत का अवैध कारोबार करने वाले माफिया अब नए तरीके से काम कर रहे हैं। रात 12 बजे के बाद देहात से शहर में रेत के डंपरों को एक साथ निकाला जाता है, खास बात यह कि यह शहर के आउटर मार्गों की बजाए शहर की अंदर के रूटों से होकर निकाले जा रहे हैं। एक साथ चार से पांच डंपर निकलते हैं, और रात में कोई रोक टोक भी नहीं होती है। देहात से हाइवे से होते ही बड़ी आसानी से नंबर दो में रेत की सप्लाई की जा रही है। इतना ही नहीं बल्कि रांग साइड के रूट को ज्यादा उपयोग किया जा रहा है जिससे जल्दी माल पहुंचाया जा सके। उधर रेत का नया ठेका लेने वाली कंपनी की पर्यावरण एनओसी अभी नहीं मिली है, इसलिए अभी जिलेभर में कोई रेत की वैध खदान नहीं है। भितरवार क्षेत्र से सबसे ज्यादा रेत का खनन हो रहा है। जहां सिंध नदी में मशीनें रेत निकालते का काम कर रही हैं।से बहोड़ापुर, जेल रोड होते ही ट्रांसपोर्ट नगर रोड व आनंद नगर रोड पर देखा जा सकता हैं जहां से होकर रेत के डंपर निकलते रहते हैं। इधर सिंध नदी से रेत का अवैध खनन का दौर लगातार जारी है।
रेत का कारोबार: खनन से परिवहन तक
खनन : भितरवार क्षेत्र की रेत की खदानों से माफिया सबसे ज्यादा रेत निकाल रहे हैं। रायल्टी इस समय नहीं है तो अलग-अलग प्वाइंट पर लगाए गए अपने लड़कों को सेट कर दिया जाता है। भितरवार के अलावा आसपास के क्षेत्र के ऐसे घाट जहां से रेत निकालने पर प्रतिबंध है वहां भी काम जारी है। क्षेत्र के लोग ही संगठित होकर रेत का कारोबार खुलेआम कर रहे हैं। इसका इनपुट प्रशासन, माइनिंग व पुलिस के पास भी है, लेकिन कोई कुछ नहीं करता है।
परिवहन : रेत का सबसे ज्यादा परिवहन लंबी दूरी के लिए डंपरों में किया जा रहा है, आसपास के क्षेत्र में या कम मात्रा में माल पहुंचाने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली से रेत सप्लाई की जा रही है। यह अधिकतर बिना नंबर की ट्रैक्टर ट्राली होती हैं। देहात से हाइवे होते ही यह डंपर शहर के रात 12 बजे के करीब प्रवेश करते हैं, इसमें आंतरिक सड़कों व रांग साइड सड़कों से ज्यादातर डंपरों को निकाला जाता है।
रेत की रायल्टी ग्वालियर से नहीं है, बाहर की रायल्टी वाले वाहन आ रहे हैं। बिना रायल्टी के चलते वाले रेत वाहनों पर कार्रवाई की जाती है, इन बताए हुए रूटों पर संयुक्त टीमों से जांच कराएंगे।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
रेत के अवैध कारोबार के इनपुट मिले हैं, रात में चेकिंग की जा रह है। भिंड की रायल्टी के वाहन ज्यादा मिल रहे हैं, कुछ वाहन पकड़े भी गए हैं। हाइवे पर पुलिस के साथ कार्रवाई करेंगे।
संजीव खेमरिया, एसडीएम घाटीगांव