भिंड : राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा प्रस्ताव … !
338 स्कूलों की मरम्मत कराएगी शाला प्रबंधन समिति लेकिन बैंक खाते बंद होने से अटके 5.92 करोड़ रुपए …
जर्जर सरकारी स्कूल भवनों की मरम्मत का जिम्मा इस बार स्कूल शिक्षा विभाग ने शाला प्रबंधन समिति को दिया है। इसके लिए बाकायदा बजट भी जारी हाे चुका है लेकिन शाला प्रबंधन समितियों के बैंक खाते बंद होने से यह राशि उनमें नहीं आ पा रही है, जिससे स्कूलों की मरम्मत का कार्य शुरू होने से पहले ही अटक गया है। जिले में कक्षा एक से आठवीं तक की 479 एकीकृत शालाएं हैं। इन शालाओं में छात्र संख्या के अनुपात से राज्य शिक्षा केंद्र ने 338 जर्जर शालाओं को मरम्मत के लिए चिह्नित किया है।
जिला शिक्षा केंद्र की ओर से इन शालाओं की मरम्मत पर कितनी राशि खर्च होगी, यह एस्टीमेट (आकलन) का प्रस्ताव भी मंगवा लिया गया है। जिले की 338 जर्जर शालाओं की मरम्मत पर पांच करोड़ 92 लाख खर्च होना है। सरकार ने यह बजट भी जारी कर दिया है। साथ ही मरम्मत का कार्य इस बार शिक्षा विभाग ने शाला प्रबंधन समिति से कराने का निर्णय लिया है लेकिन शाला प्रबंधन समितियों के बैंक खाते बंद होने से यह राशि उनके खातों में नहीं आ पा रही है, जिससे मरम्मत का कार्य शुरू होने से पहले ही खटाई में पड़ गया है।
शाला प्रबंधन समितियों के खाते बंद होने से जिलास्तर पर भी जर्जर शाला भवनों की मरम्मत के लिए प्रशासकीय स्वीकृति अटक गई है। जिला स्तर पर प्रशासकीय स्वीकृति के बिना कार्य प्रारंभ नहीं हो सकता है।
63.93 लाख स्वीकृत, लेकिन खाते में नहीं आ पा रहे जिससे काम नहीं हो रहे
जिले में 13 स्कूलों की मरम्मत और 16 स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए राज्य शिक्षा केंद्र से 63.93 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें 16.25 लाख रुपए से स्कूलों की मरम्मत और 47.68 लाख रुपए से शौचालय का निर्माण होना है। इसकी राज्य स्तर पर प्रशासकीय स्वीकृति मिल गई है लेकिन खाते बंद होने से यह राशि भी नहीं मिल सकी है। ऐसी स्थति में शलाओं में मरम्मत कार्य रुके हुए हैं।
6 बीआरसी कार्यालय और छात्रावासों की भी होगी मरम्मत
इस बार स्कूलों के साथ ही राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से बीआरसी कार्यालय और छात्रावास भवनों की मरम्मत भी कराई जाएगी। इसके लिए 37.44 लाख रुपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह कार्य भी शाला प्रबंधन समितियां ही करेगी। जिले में मिहोना, गोरमी, दबोह और एंडोरी में जिला शिक्षा केंद्र के छात्रावास संचालित हैं।
इसलिए बंद हैं जिले में शाला प्रबंधन समितियाें के खाते
पिछले साल दिसंबर महीने में राज्य शिक्षा केंद्र से शाला प्रबंधन समिति के बैंक खातों में किसी प्रकार का लेनदेन न करने का आदेश जारी किया था। ऐसे में एक साल से यह खाते बंद हैं। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि पहले राज्य शिक्षा केंद्र से पूरा लेनदेन पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) से होता था। लेनदेन की इस प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए अब नया सिस्टम डीजीगोव लागू हो गया है। ऐसे में इस सिस्टम के तहत एसएससी के नए खाते खुलवाए जाने थे लेकिन अब तक नए खाते भी नहीं खुल सके हैं।
खाते बंद होने से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने का इंतजार
“जिले में 338 एकीकृत शालाओं की मरम्मत होना है। इसके अलावा छह बीआरसी कार्यालय और चार छात्रावास भवनों की मरम्मत भी होना है। शाला प्रबंधन समिति के खाते बंद होने से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने का इंतजार है। स्वीकृति मिलते ही इनके खातों में राशि भेजी जाएगी।”
-रविशंकर शर्मा, इंजीनियर, डीपीसी कार्यालय, भिंड