ट्रैफिक नियम तोड़ने पर ई-चालान बढ़े तो नंबर प्लेट के अंक घिसकर चला रहे गाड़ियां

सिस्टम को ठेंगा …?

शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए लागू की गई ई-चालान व्यवस्था का तोड़ शहर के वाहन चालकों ने निकाल लिया है। ई-चालान से बचने के लिए दो पहिया सहित व्यावसायिक वाहनों के चालकों ने आगे-पीछे की नंबर प्लेट से नंबर के बीच में से एक दो अंक घिस दिए हैं।

ऐसे वाहनों की संख्या शहर में हजारों में पहुंच गई है। शहर के हर चौराहे पर ऐसे वाहन इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस)के सीसीटीवी कैमरों‌ में दिखाई दे रहे हैं, जिन पर नंबर पूरा न होने के कारण ई-चालान की कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

दरअसल, चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा चालानी कार्रवाई के दौरान विवाद बढ़ने पर पुलिस ने स्मार्ट सिटी के कैमरों के जरिए ई-चालान बनाकर कार्रवाई शुरू की थी। इस प्रक्रिया में रेड लाइट जंप व बिना हेलमेट वाहन चालकों के ई-चालान बनाकर उनके घर पहुंचाए जा रहे थे।

1 लाख 53 हजार से अधिक वाहनों के बने ई-चालान
पुलिस ने इस साल अक्टूबर तक 1 लाख 53 हजार वाहन के ई-चालान बनाए गए हैं। शुरू में चालान जमा करने की दर 8-10 फीसदी थी। इस कारण बाद में ई-चालान जमा न करने वाले चालाकों के घर पर पुलिस जवान को पहुंचाने की कार्रवाई शुरू की गई।

ई-चालान से 3 करोड़ 5 लाख की वसूली…

पूर्व में चालक ई-चालान जमा करने के प्रति भी गंभीर नहीं थे। ऐसे लोगों के घर पर पुलिस कर्मी को भेज कर चालान जमा कराने की कार्रवाई की गई तो जुर्माना जमा करने की दर बढ़ी। वर्तमान में यह दर 45 फीसदी तक पहुंच गई है। 69800 वाहन चालक 3 करोड़ 5 लाख रुपए नियम तोड़ने का जुर्माना भर चुके हैं।

50 रुपए के चालान से बचने के लिए लगवाते थे सिफारिशी फोन

शहर में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों‌ के ई-चालान की व्यवस्था नहीं थी और बिना हेलमेट का जुर्माना 50 रुपए निर्धारित था तब भी वाहन चालक जुगाड़ ढूंढते थे। 50 रुपए के जुर्माने से बचने के लिए पकड़े जाने पर वाहन चालक 30-40 रुपए खर्च कर कॉल कर सिफारिशी फोन लगवाते थे।

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