Food and Drug Testing Lab News … राष्ट्रीय प्रयोगशाला के मानक अनुरूप बनेगी फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब
सिरोल क्षेत्र में परिवहन आयुक्त कार्यालय के पास 4.96 करोड़ की लागत से होगा लैब का निर्माण….
ग्वालियर। सिरोल क्षेत्र में परिवहन आयुक्त कार्यालय के पास 4.96 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब (खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला) को अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की राष्ट्रीय प्रयोगशाला के मानकों के अनुरूप जून 2022 तक तैयार किया जाएगा। इसमें प्रादेशिक के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले टेस्ट भी किए जाएंगे। पिछले दिनों एफएसएसएआइ के लैब डायरेक्टर डा. जीपी शर्मा ने इसके लिए हाउसिंग बोर्ड के अफसरों से बिल्डिंग में कई बदलाव करने के लिए कहा है। अफसर खुद भी एक रिपोर्ट तैयार हाउसिंग बोर्ड को सुझाव भेजेंगे।़पिछले दिनों एफएसएसएआइ की टीम ने निर्माणाधीन इमारत का निरीक्षण किया था। उन्होंने इमारत के निर्माण पर संतोष जताया था, लेकिन नक्शे में कई चीजें अंकित न होने के कारण उसमें परिवर्तन के निर्देश दिए थे। निरीक्षण के बाद प्राथमिक तौर पर एफएसएसएआइ के अफसरों ने संशोधन के बिंदु बताए हैं। इनके मुताबिक कच्चे जल भंडार के लिए जगह तय की गई है, लेकिन इसे नक्शे में इसे अंकित नहीं किया गया था। ़टिीम ने इमारत में एक मेडिकल कक्ष, मदर फीडिंग रूम और दिव्यांग शौचालय तैयार करने के लिए कहा है। पहली मंजिल पर पीछे की ओर माइक्रोबायोलाजी लैब तैयार करने को भी कहा गया है। इमारत में शीत कक्ष के प्रविधान के साथ नमूना कोडिंग और वितरण क्षेत्र, शारीरिक परीक्षण कक्ष, रासायनिक प्रयोगशाला, सूक्ष्म जीव विज्ञान प्रयोगशाला, प्रमुख साधन क्षेत्र, लघु उपकरण क्षेत्र, नमूना तैयार करना, नमूना प्रतिधारण कक्ष, वजन कक्ष, धुलाई क्षेत्र को भी नक्शे में शामिल करने की सिफारिश इस टीम ने की है। अब यही टीम आगामी मंगलवार से एक रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं के मानकों के अनुरूप इसे तैयार करने के लिए सुझाव भेजेगी।
निर्माण पूरा होने के बाद इस लैब में गैर तकनीकी कर्मचारी सिर्फ भूतल पर ही सीमित रहेंगे। यहां प्रशासन ब्लाक, सैंपलिंग रूम, स्टोर, इंजीनियर, मेंटेनेंस और स्वागत कक्ष की सुविधा रहेगी। गैर तकनीकी कर्मचारियों को पहली और दूसरी मंजिल पर तैयार होने वाली प्रयोगशालाओं में प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। यहां सिर्फ तकनीकी कर्मचारी ही प्रवेश कर सकेंगे।
दूसरी मंजिल पर होगा औषधि विश्लेषण: दूसरी मंजिल पर सिर्फ औषधि विश्लेषण का कार्य किया जाएगा। पहली मंजिल पर बनाई गई प्रयोगशालाओं की तरह ही दूसरी पर भी प्रयोगशालाओं की आवश्यकता टीम ने बताई है। इसके अलावा सूक्ष्म जीव विज्ञान प्रयोगशाला में इंजेक्शन योग्य बंजरपन परीक्षण के लिए एक अतिरिक्त टीकाकरण कक्ष की आवश्यकता होती है, जिसे ड्राइंग क्षेत्र में शामिल करने के लिए कहा गया है।
ग्वालियर में ड्रग एंड फूड टेस्टिंग लैब का हमने निरीक्षण किया था, इसमें कुछ बदलाव करने को कहा गया है। हम आगामी मंगलवार से एक और रिपोर्ट तैयार कराएंगे, जिसमें कुछ अन्य बदलाव की सिफारिश होगी। लैब की इमारत अच्छी है, इसका कार्य राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ही होगा।
डा. जीपी शर्मा, लैब डायरेक्टर एफएसएसएआइ