Gwalior …सहकारी समितियों ने किया घोटाला; गोदामों तक नहीं पहुंचा ‌ 1.78 करोड़ का धान, किसानों के खातों में भुगतान

सहकारी समितियों से जुड़े लोगों ने फिर बड़ा धान घोटाला कर दिया है। इस बार 1 करोड़ 78 लाख रुपए की धान का भुगतान तो सरकार किसानों को कर चुकी है पर यह गोदामों तक नहीं पहुंचा है। मामला उजागर होने के बाद भी जिम्मेदार अफसर वसूली और कार्रवाई पर चुप्पी साधे हैं। चार दिन पहले भोपाल से आए अफसर इस मामले में सख्ती का निर्देश दे गए हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में धान की खरीदी 29 नवंबर से 20 जनवरी 2022 के बीच हुई थी।

ग्वालियर जिले में पिछले सीजन में 46 समितियों ने 1 लाख 23 हजार 329.39 मीट्रिक टन धान की खरीदी 1950 रुपए क्विंटल के समर्थन मूल्य पर की। इसमें से 1 लाख 22 हजार 408.89 मीट्रिक टन धान तो गोदामों तक पहुंच गया है पर बाकी 920.50 मीट्रिक टन धान गोदाम तक पहुंचा ही नहीं। जबकि इसके भुगतान के तौर पर सरकार किसानों के खाते में 1.78 करोड़ रुपए डाल चुकी है।

यह धान कहां गई? इसको लेकर विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हैं। दूसरी तरफ एक अफसर ने बताया कि उपार्जन के दौरान राजनैतिक प्रभाव रखने वाले बाहरी दबंग लोग सोसायटियों पर जबरन खरीद की एंट्री कराकर हेराफेरी करते हैं। जिन लोगों पर परिवहन का जिम्मा होता है वे इस तरह की हेराफेरी पूर्व के वर्षों में कर चुके हैं।

19 समितियों में हुई गड़बड़ी

मार्कफेड के जिला विपणन अधिकारी आर टेंभरे ने गड़बड़ी की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जिन 46 समितियों ने धान खरीदी की है इनमें से 19 में ही गड़बड़ी लग रही है। उन्होंने कहा कि समितियों को कमीशन की राशि में से वसूली की जाएगी। अंचल के दतिया जिले में भी इस तरह की गड़बड़ी हुई है पर वहां पर मात्रा सिर्फ 60 क्विंटल है।

समितियों से होगी वसूली

गड़बड़ी समिति स्तर पर हुई है, इसलिए वसूली भी उनसे ही की जाएगी। जरूरी होने पर समितियों की संपत्ति कुर्क करेंगे। – कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर ग्वालियर

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