Bhopal… नौ विभागों के कामकाज का आज से रिव्यू ……मार्च तक 3 लाख करोड़ होगा मप्र पर कर्ज यानी हर व्यक्ति पर 40 हजार
राज्य सरकार सोमवार से अपने विभागों के कागकाज का रिव्यू करने जा रही है। पहले दिन वित्त और वाणिज्यिक कर विभाग के साथ 9 विभागों की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभागों के मंत्री व अफसरों के साथ बैठक करेंगे। वित्त इसलिए अहम है, क्योंकि हाल ही में रेवेन्यू कलेक्शन के आंकड़ों में जीएसटी, ट्रांसपोर्ट और आबकारी ने अपेक्षा के अनुसार लक्ष्य हासिल नहीं किया है।
पेट्रोल-डीजल में जरूर 2000 करोड़ रु. का फायदा हुआ, लेकिन वित्तीय हालात ज्यादा मुफीद नहीं हैं। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार एफआरबीएम के तहत आधा अरब का कर्ज लेती है तो मार्च 2022 तक मप्र पर 3 लाख करोड़ से अधिक कर्ज होगा।
मौजूदा हालात में सरकार पर 2.56 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है, यानी प्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति पर 34 हजार रुपए कर्ज है। मार्च 2022 तक प्रदेश पर कर्ज बढ़ने से प्रत्येक व्यक्ति पर 40000 रुपए कर्ज हो जाएगा। इन वित्तीय हालातों से बाहर निकलना बड़ी चुनौती होगा।
इन विषयों पर सीएम मंत्रियों से पूछेंगे सवाल
1. 100% पेपरलेस सिस्टम क्यों नहीं
आत्मनिर्भर मप्र के तहत इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट व रिसीप्ट के साथ 100% पेपरलेस सिस्टम लागू नहीं हुआ। वित्त विभाग अब भी 10 साल पुराने सिस्टम पर काम कर रहा है, जिसमें विभागों और कर्मचारियों-अधिकारियों को राशि के वितरण व उसकी सिक्युरिटी ही अहम थी। इसे ‘आईएफएमएस नेक्स्ट जेन’ (इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) की नई व्यवस्था से बदलना था जो नहीं हुआ। इसकी सफाई सामने आएगी।
2. फिर नई शराब नीति पर बात
एक अप्रैल 2022 से नई शराब नीति लागू होनी है। यह लगभग तैयार भी है, लेकिन अभी तक यह किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। चूंकि आबकारी विभाग में रेवेन्यू तय लक्ष्य से कम हुआ है, इसलिए दुकानों व उपदुकानों की संख्या बढ़ाने के साथ बॉटलिंग की नई व्यवस्था पर भी चर्चा हो सकती है।
3. 2021-22 के टारगेट से कम राजस्व
- विभाग दिसंबर 21-22 2019-20 कितना ज्यादा/कम
- जीएसटी 23000 15459 7%
- वैट 14740 11500 43%
- पंजीयन 6500 5400 27%
- आबकारी 12000 6700 10%
(आंकड़े करोड़ में। वित्त विभाग ने रेवेन्यू की तुलना 2019-20 से की है क्योंकि तब भी सामान्य दिन थे और 2021-22 में भी काफी वक्त सामान्य दिनों की तरह गुजरा।)