इंदौर …. लोकायुक्त कार्रवाई …. 2020 के मुकाबले 2021 में दोगुना भ्रष्टों की काली कमाई उजागर, चालान भी सबसे ज्यादा 36 पेश हुए

  • भ्रष्टों को सजा दिलाने के मामले में भी इंदौर संभाग अव्वल रहा, 9 को जेल भेजा

बीते साल लोकायुक्त पुलिस ने प्रदेश में सबसे ज्यादा कार्रवाई इंदौर संभाग में की। 2020 में जहां कुल 27 मामले रिश्वतखोरी, आय से अधिक संपत्ति और पद के दुरुपयोग के दर्ज हुए थे, वहीं 2021 में पिछले साल के मुकाबले दो गुना मामले सामने आए। लोकायुक्त टीम ने कुल 56 भ्रष्ट कर्मचारी-अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की। वहीं चालान पेश किए जाने, सजा कराने के मामले में भी इंदौर संभाग की लोकायुक्त पुलिस अव्वल रही।

इस साल कुल 36 चालान पेश किए हैं। हर माह तीन भ्रष्टों के खिलाफ चालान पेश हुए। वहीं सजा की बात की जाए तो नौ को घूसखोरी, अधिक संपत्ति के मामले में सजा भी हो चुकी है। 2020 में कोरोना की वजह से तीन से चार महीने तक काम नहीं हो पाया था। इस वजह से ज्यादा कार्रवाई नहीं हो पाई। 2021 में लोकायुक्त संगठन ने हर महीने करीब-करीब पांच कार्रवाई की है।

रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़े गए सबसे ज्यादा

लोकायुक्त पुलिस ने इस साल सबसे ज्यादा रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़े गए लोगों को गिरफ्तार किया। 33 अधिकारी, कर्मचारियों को रंगेहाथ पकड़ा है। इनमें 1500 लेकर 12 लाख रुपए तक की रिश्वत लेते पकड़े गए कर्मचारी भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े इंजीनियर राकेश सिंघल इसका उदाहरण हैं। 50 हजार रुपए तोे लिए ही थे। 11 लाख 50 हजार रुपए का सेल्फ का चेक भी ले लिया था।

सिंघल ने एक करोड़ 30 लाख रुपए का भुगतान करने के एवज में यह राशि मांगी थी। 11 लाख 50 हजार रुपए नकद दिए जाने पर चेक वापस देने की बात ही थी। नगर निगम का भ्रष्ट बाबू विजय कुुमार सक्सेना दूसरा उदाहरण है। सरकारी अलमारी में ही रिश्वत के 10 लाख रुपए रखे मिले थे।

करोड़ों रुपए की आय से अधिक संपत्ति भी पता चली। जनपद पंचायत की सब इंजीनियर गीता विजयवर्गीय के रूप में भी बड़ी कार्रवाई की गई। सब इंजीनियर द्वारा आर्किटेक्ट के हिसाब से नक्शे पास कर दिए जाते थे। रिश्वत में 500 रुपए कम मिले तो वह शिकायतकर्ता से झगड़ ली थी।

पद का दुरुपयोग करने के मामले में 16 केस बनाए गए

पद का दुरुपयोग कर सरकार को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ भी 16 केस बनाए गए। इनकी शिकायत मिलने पर जांच की गई थी। इनमें नगर तथा ग्राम निवेश, नगर निगम के अधिकारी भी शामिल हैं। गलत तरीके से नक्शा जारी करने के आरोप में केस दर्ज हुए थे।

आय से अधिक संपत्ति के चार मामले, 1 मामला 5 करोड़ का

आय से अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने के भी चार केस इस साल बनाए गए हैं। इनमें दो मामले तो एेसे हैं, जिनमें रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद उनकी संपत्ति की भी जांच कर ली गई थी। राकेश सिंघल की तो पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति उजागर हुई थी।

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