Gwalior .. अधिसूचना जारी ….429 कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू लोगों को 50% तक विकास शुल्क चुकाना होगा
- दूसरे चरण में शेष बचीं अवैध काॅलोनियों के लिए किया जाएगा सर्वे
तीन साल से अटकी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो गई। नगर निगम ने शहर की पूर्व से चिह्नित 429 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की अधिसूचना जारी कर दी है। शेष अवैध कॉलोनियों को भी वैध किया जाएगा, लेकिन ये सभी कॉलोनियां 31 दिसंबर 2016 तक बनी होंगी।
अधिसूचना के बाद अब 15 दिन में दावे-आपत्ति मांगी जाएगी। इसके बाद वैध कॉलोनी की अधिसूचना निकाली जाएगी, तब विकास कार्यों के एस्टीमेट तैयार कर भवन और भू-खंड मालिक से विकास शुल्क सहित भवन अनुज्ञा शुल्क, मलवा मसाला शुल्क, समझौता शुल्क, वाटर हार्वेस्टिंग शुल्क और श्रम निर्माण का टैक्स जमा कराया जाएगा।
निगम के जानकारों का कहना है कि विकास शुल्क अतिरिक्त देना होगा। उदाहरण के तौर पर 1000 वर्ग फीट के भूखंड मालिक पर यह राशि 50 हजार के करीब बैठेगी। पिछले महीने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राजपत्र में अधिसूचना निकालकर गाइड लाइन बनाई थी। उसी गाइड लाइन का पालन कर निगम आयुक्त किशोर कन्याल के पास सोमवार को सिटी प्लानर पवन सिंघल ने अधिसूचना का प्रस्ताव रखा। उस पर आयुक्त ने स्वीकृति दे दी है।
गौरतलब है कि साल 2018 में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई शुरू की गई थी, लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद रोकना पड़ा था। अब फिर से प्रक्रिया तेज हो गई है। निगमायुक्त किशोर कन्याल ने कहा कि अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए निगम ने अधिसूचना निकाल दी है। अब दावे-आपत्तियों के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
ऐसे होगी काॅलोनी वैध करने की प्रक्रिया
- अवैध से वैध करने के संबंध में 429 कॉलोनी की अधिसूचना निकाली गई है।
- 15 दिन में आए दावे आपत्ति के निराकरण के बाद भी फिर से सिर्फ वैध कॉलोनी की अधिसूचना निकलेगी।
- निगम को कॉलोनाइजर-भू-स्वामी अथवा बिल्डर के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी, हालांकि पूर्व में कुछ कालोनियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
- काॅलोनी में विकास के लिए ले-आउट बनाने का काम शुरू होगा। इसके साथ ही एस्टीमेट बनाया जाएगा।
यह देना होगा विकास शुल्क
- 900 फीट तक का भू-खंड या मकान: विकास कार्य के लिए शासन 80 प्रतिशत राशि देगा। शेष 20 प्रतिशत राशि रहवासियों को देना होगी।
- 900 फीट से ज्यादा के भू-खंड या मकान: संपत्ति मालिक को 50 प्रतिशत विकास शुल्क देना होगा। शेष 50 प्रतिशत राशि शासन (नगर निगम) देगा।
सीवर-पानी की लाइन के काम कराए जाएंगे
अवैध कॉलोनी को वैध करने के बाद नगर निगम कॉलोनी में सड़क निर्माण कराएगी। साथ ही सीवर लाइन, पानी की लाइन, नाली निर्माण और स्ट्रीट लाइट भी लगवाईं जाएंगी। कॉलोनियों में पार्क निर्माण भी कराया जाएगा।
3 साल पहले यहां तक पहुंची थी प्रक्रिया
8.11 करोड़ रुपए के काम: नगर निगम ने पहले और दूसरे चरण में वैध हुई काॅलोनियों में से 75 काॅलोनियों में विकास कार्य कराने के लिए 8.11 करोड़ रुपए का एस्टीमेट तैयार किया था, तब वैध काॅलोनियों में सिर्फ 1.20 करोड़ रुपए के काम कराए गए थे। शासन से 6.50 करोड़ रुपए की मांग की गई थी।