8 मौतों के जिम्मेदार अस्पताल में जानलेवा लापरवाही का खुलासा ..!

8 मौतों के जिम्मेदार अस्पताल में जानलेवा लापरवाही का खुलासा …बिना इंस्पेक्शन रिपोर्ट दी, जो सुविधाएं नहीं थी उन्हें भी ओके किया …

जबलपुर में आठ लोगों की जान लेने वाले न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल की नींव ही झूठ की बुनियाद पर रखी गई थी। इसमें तत्कालीन CMHO डॉ. रत्नेश कुरारिया की गंभीर लापरवाही सामने आई है। ये खुलासा स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. कुरारिया ने हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन से लेकर सुविधाओं तक में धांधली की। उन्होंने बिना इंस्पेक्शन किए हॉस्पिटल को नर्सिंग होम एक्ट में रजिस्टर्ड कर दिया। कई ऐसे बिंदु हैं, जिन्हें जानबूझकर अनदेखा किया गया।

1 अगस्त 2022 को न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में आग लग गई थी। इसमें 8 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में अस्पताल के स्टाफ सदस्य और मरीज शामिल थे। हादसे के बाद मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चार सदस्यीय टीम बनाई थी। मामले में तत्कालीन CMHO डॉ. रत्नेश कुरारिया को हटा दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट तो सितंबर में ही जारी कर दी थी, जो सामने अब आई है।

बिना जाए बना दी इंस्पेक्शन रिपोर्ट
डॉ. कुरारिया ने कागजों में फर्जी इंस्पेक्शन रिपोर्ट तैयार कर दी। इसमें उन सुविधाओं के ऑप्शन पर भी ‘यस’ कर दिया गया, जो वहां थी ही नहींं। अस्पताल संचालन की अनुमति जनवरी 2021 में जारी की गई थी। इसमें स्वास्थ्य विभाग के नियम और निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं।

स्वास्थ्य विभाग की चार सदस्यीय जांच समिति की जांच रिपोर्ट की फाइंडिंग।
स्वास्थ्य विभाग की चार सदस्यीय जांच समिति की जांच रिपोर्ट की फाइंडिंग।

अब जानिए तत्कालीन CMHO ने रिपोर्ट क्या दी और हकीकत क्या थी…

ये रिपोर्ट दी: नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन शाखा में जमा रिपोर्ट में न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में फ्लोर (पेशेंट वार्ड) पर दो मरीजों के पलंग के बीच 100 वर्गफीट की दूरी (स्पेस) बताई गई है।
हकीकत: हादसे के बाद हॉस्पिटल के इंस्पेक्शन में ऐसा कुछ नहीं मिला। रजिस्ट्रेशन के लिए सबमिट इंस्पेक्शन रिपोर्ट में गलत जानकारी दी गई।

ये रिपोर्ट दी: इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्पेक्शन रिपोर्ट में सभी कमरों में पर्याप्त वेंटिलेशन (हवादार) होना बताया गया।
हकीकत: जांच टीम को कमरों में वेंटिलेशन की व्यवस्था ही खराब मिली।

ये रिपोर्ट दी- नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन के लिए जमा हुई रिपोर्ट में न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ब्लड बैंक संचालित होना बताया गया है।
हकीकत: अस्पताल के शुरू होने से लेकर हादसे वाले दिन तक यहां ब्लड बैंक संचालित नहीं था। इस जानकारी को तत्कालीन CMHO डॉ. रत्नेश ने वेरिफाई ही नहीं कराया।

बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट की जानकारी तक गलत

जबलपुर नगर निगम ने हॉस्पिटल की निर्माणाधीन बिल्डिंग का कंप्लीशन सर्टिफिकेट और कंप्लीशन लाइसेंस जारी नहीं किया था।
हकीकत: दस्तावेजों में निगम का बिल्डिंग कंप्लीशन सर्टिफिकेट संस्था संचालक के पास उपलब्ध होने की जानकारी दी गई, जो गलत थी।

एक हॉस्पिटल, रिपोर्ट एक…लेकिन इंस्पेक्शन का टाइम अलग-अलग
क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक को भेजी गई चार सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार, न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान जांच समिति ने डॉ. एनएल पटेल और डॉ. निषेश चौधरी के बयान दो अलग-अलग बार लिए। दूसरी बार दिए बयान में दोनों डॉक्टर्स ने अस्पताल का निरीक्षण फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में होना बताया। लेकिन एक डॉक्टर ने अस्पताल के निरीक्षण का समय दोपहर 1 बजे और दूसरे ने 3 बजे बताया। बयानों में यह विरोधाभास हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन के लिए जमा हुई निरीक्षण रिपोर्ट को संदेह के दायरे में लाती है।

यह है पूरा मामला
जबलपुर के दमोह नाका स्थित न्यू लाइफ मल्टी सिटी हॉस्पिटल में 1 अगस्त 2022 को आग लग गई थी। इसमें 8 लोग जिंदा जल गए थे। इसके बाद हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई, तो राज्य सरकार ने आनन-फानन में कमिश्नर के नेतृत्व में जांच कमेटी बना दी। कोर्ट ने जबलपुर के 136 निजी अस्पतालों की जांच के निर्देश दिए। मामले में अस्पताल के 6 संचालकों को आरोपी बनाया गया है।

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