एजुकेशन रिपोर्ट कार्ड …!
एजुकेशन रिपोर्ट कार्ड …. भोपाल को मिला बी ग्रेड, 22 पायदान ऊपर चढ़ा; फिर भी टॉप 20 में जगह नहीं बना सका
स्कूल शिक्षा विभाग एजुकेशन क्वालिटी में सुधार के लिए कई तरह के प्रयोग कर रहा है। इसके बावजूद भोपाल के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हो पा रहा है। शनिवार को राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जिलावार जारी रिपोर्ट कार्ड में भोपाल को बी ग्रेड मिला है। इसमें भोपाल जिले का 29वां नंबर है। पिछली तिमाही के मुकाबले भोपाल ने 22 पायदान की छलांग जरूर लगाई लेकिन वह इस बार भी टॉप 20 में जगह नहीं बना सका। भोपाल जिले को 65.85% नंबर मिले।
राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी की गई जून, जुलाई, अगस्त की पिछली तिमाही की रिपोर्ट में भोपाल का नीचे से दूसरा यानी 51 नंबर लगा था। इससे पहले भोपाल 35वेंं नंबर पर था। शनिवार को जनजातीय संग्रहालय में आयोजित मिशन अंकुर लॉन्चिंग कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने डिस्ट्रिक्ट वाइस रिपोर्ट कार्ड जारी किया।
राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धन राजू एस ने बताया कि स्कूलों में माह सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में हुए हर काम और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर दिए गए है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित करने के निर्देश अनुसार यह नया प्रयोग शुरू किया गया है। ताजी रिपोर्ट में 78.28% नंबर और ए ग्रेड लेकर खंडवा प्रदेश भर में टॉप पर रहा।
इन छोटे जिलों ने टॉप टेन में जगह बनाई
भोपाल जिले के मुकाबले खंडवा, छतरपुर , छिंदवाड़ा, शहडोल , बालाघाट, पन्ना, सिवनी, गुना और बैतूल ने टॉप टेन में जगह बनाई। जबलपुर जिला भी टॉप टेन में रहा।
भोपाल के लिए सिर्फ यह उपलब्धि
रिपोर्ट के लिए तय किए गए मापदंडों में टीचर प्रोफेशनल डेवलपमेंट पैरामीटर में भोपाल की स्थिति ठीक रही। इसमें भोपाल को 15 में से 12.7 नंबर मिले। इस मामले में टॉप पर रहे खंडवा जिले को 13.6 नंबर मिले।
शिक्षा से जुड़े इन मापदंडों पर परखा गया जिलों को
- बच्चों के नामांकन एवं ठहराव
- गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक उपलब्धियां
- शिक्षकों का व्यवसायिक विकास, समानता,
- स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर एवं भौतिक सुविधाएं
- सुशासन प्रक्रियाएं