2 पार्टी, 2 चेहरों की जंग, फिर दोनों बजा रहे रणभेरी …! ऐसा रहा चार साल का सियासी सफर

2018 से 2022 तक बहुत कुछ बदला, नहीं बदला तो दो दिग्गजों की सियासी जंग, अब 2023 के लिए चुनौतियां

ऐसा रहा चार साल का सियासी सफर ….

भोपाल. आज यानी 17 दिसंबर को 15वीं विधानसभा में सरकार के गठन के चार साल पूरे हो रहे हैं। इन चार सालों में दो सरकारें रहीं। इनमें कमलनाथ सरकार के डेढ साल और शिवराज सरकार के ढाई साल हैं। 2018 में जब कमलनाथ ने कांग्रेस सरकार बनने पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब आगाज कुछ और था। लेकिन डेढ़ साल में सब कुछ बदल गया।

मार्च 2020 में सत्ता परिवर्तन के बाद से शिवराज सिंह चौहान भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री हैं। इन चार सालों में बहुत कुछ बदला, लेकिन पक्ष-विपक्ष और सत्ता-संगठन सभी दो चेहरों के आसपास ही घूमते रहे। भाजपा से शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से कमलनाथ। अब 2023 के चुनाव के लिए ये दोनों चेहरे ही आगे हैं। दोनों के लिए 2023 का चुनावी साल निर्णायक रहेगा।

कमलनाथ का सीएम बनना तय हुआ। 17 दिसंबर 2018 कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव नतीजों में पिछड़नेे पर हार स्वीकारी। 12 दिसंबर 2018 को इस्तीफा सौंपा।
20/3/2020

ज्योतिरादित्य समर्थक विधायकों के भाजपा में जाने के बाद कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दिया।

23/3/202o

सिंधिया का साथ मिलने पर भाजपा सरकार बनी। शिवराज चौथी बार सीएम बने। शपथ ग्रहण की।

 

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