छह माह में ज्यादा बन गई पर्चियां,आमतौर पर इतनी नहीं बनतीं

ग्वालियर : अगले साल विधानसभा चुनाव हैं यही कारण विधानसभा चुनाव की तैयारी करने वाले दावेदार जनता के करीब आने के लिए जोड़तोड़ कर रहे हैं। ग्वालियर में राशन की पर्चियां एक ऐसा जरिया है जिसके पीछे छुटपुट नेता ही नहीं मंत्री-माननीय तक लगे रहते हैं। ग्वालियर जैसे राजनीतिक गढ़ में राशन पर्चियां लोगों के लिए भले ही राशन लेने का माध्यम हो सकती हैं लेकिन माननीयों के लिए नहीं है। यही कारण है कि ग्वालियर जिले में पिछले छह माह में 31 हजार राशन की नई पर्चियां बन गईं हैं। इनमें सबसे ज्यादा राशन पर्ची अकेले उर्जा मंत्री की विधानसभा में बनी हैं जोकि कुल पर्चियों का 30 प्रतिशत है। राशन वितरण करने वाला विभाग भले ही इसके पीछे मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान कारण बता रहा हो लेकिन यह तैयारी आने वाले चुनाव की ज्यादा है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की राशन वितरण की दुकानों से निर्धारित कैटेगरी व बीपीएल कार्ड धारकों को राशन दिए जाने का सिस्टम है। राशन पर्चियों को बनवाने के लिए यहां सबसे ज्यादा जददोजहद चलती है। हाल ही में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत शासन की योजनाओं के तहत लाभ दिलाए जाने के लिए अभियान प्रदेशभर में चलाया गया था इसी के चलते ग्वालियर में भी जनसेवा अभियान के शिविर लगे और राशन वितरण पर्ची सहित अन्य योजनाओं के प्रमाण पत्र वितरण का सिलसिला चलता रहा।

अब 10 लाख 29 हजार लोग पा रहे राशन

गरीबों का आंकड़ा है या नहीं लेकिन ग्वालियर में राशन पर्ची का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। अब ग्वालियर में 10 लाख 29 हजार लोग पीडीएस राशन प्राप्त कर रहे हैं। परिवारों की बात करें तो यह आंकड़ा दो लाख 48 हजार से ज्यादा है। अभियान हो या रूटीन इसमें राशन वितरण पर्चियों को बनाने का सिलसिला रूकता नहीं है।

31 हजार पर्ची: यह सबसे ज्यादा आंकड़ा

पिछले छह माह में 31 हजार राशन पर्ची बनाए जाने का आंकड़ा सबसे बड़ा है। यह छोटा आंकड़ा नहीं है। इन पर्चियों में तीस प्रतिशत उर्जा मंत्री की विधानसभा की हैं। शेष सत्तर प्रतिशत आंकड़ा अन्य विधानसभाओं का है। उर्जा मंत्री की विधानसभा से लगातार सबसे ज्यादा आंकड़ा राशन वितरण पर्चियों का रहता है। अगले साल चुनाव हैं इसलिए सब अपने अपने स्तर पर राशन पर्ची ज्यादा बनवाने का प्रयास करते हैं और इसका वितरण भी किया जाता है।