भिंड : जिला परिवहन कार्यालय में मनमानी …?
जिला परिवहन कार्यालय में मनमानी:800 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के साथ ड्राइविंग लाइसेंस भी अटके क्योंकि दफ्तर में नहीं आतीं परिवहन अधिकारी, बोलीं- मैं अपने हिसाब आऊंगी…
जिला परिवहन कार्यालय इन दिनों भगवान भरोसे चल रहा है क्याेंकि कार्यालय की मुखिया जिला परिवहन अधिकारी स्वाति पाठक नियमित रूप दफ्तर में नहीं बैठ रही हैं। वे फाइलों को दफ्तर से घर मंगवाकर साइन कर रही है। ऐसे में 800 से ज्यादा गाड़ियाें के रजिस्ट्रेशन कार्ड लंबित हैं, जिसके लोग कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। इतनी संख्या में ड्रायविंग लाइसेंस पेंडिंग होना बताया जा रहा है। जब इस संबंध डीटीअाे पाठक से सवाल किया गया ताे वे बाेलीं- मेरा दफ्तर है। मैं अपने हिसाब आऊंगी। मैं कब बैठूंगी, यह दिन नहीं बता सकती।
सरकार परिवहन विभाग से जुड़े कार्याें को समय सीमा में पूर्ण करने और सेवाओं को सुगमता से आमजन को उपलब्ध कराने का दावा करती है लेकिन भिंड जिला परिवहन कार्यालय में हालात यह हैं कि इन दिनों लोग ड्रायविंग लायसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, फिटनेस सहित जैसे कामाें के लिए चक्कर लगाने को मजबूर है। इसका प्रमुख कारण दफ्तर में जिला परिवहन अधिकारी स्वाति पाठक का नियमित रूप से नहीं बैठना है। एेसे में विभाग में सक्रिय कुछ निजी लोग मनमानी पर उतारू हाे गए हैं। इस कारण दफ्तर में आम लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। उल्टा, उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
बस ऑपरेटर यूनियन अध्यक्ष बोले- दफ्तर में हर काम के देने पड़ रहे पैसे
जिले में करीब 200 से 250 बस ऑपरेटर हैं। यूनियन के अध्यक्ष यदुवीर सिंह का कहना है कि हम लोगों को जिला परिवहन कार्यालय में रोज काम रहता है। कभी परमिट बनवाना है तो कभी फिटनेस, लेकिन मैडम 15-15 दिन नहीं बैठती है। उन्होंने अपने कुछ लोग पाल रखे हैं, जो छोटे-छोटे काम के लिए भी पैसे मांगते हैं। हम इस मामले की शिकायत करने कलेक्टर के पास गए थे लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। हम गुरुवार को फिर शिकायत करने जाएंगे।
12 दिन बाद मंगलवार शाम पांच बजे आई डीटीओ, कुछ देर बाद ही चली गईं
जिला परिवहन अधिकारी स्वाति पाठक का बहाना है कि उन पर भिंड के साथ दतिया का भी अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे में भिंड और दतिया के दफ्तरों में वे किन-किन दिनों में उपस्थित रहेंगी, इसके लिए उन्होंने कोई दिन तय नहीं किया है। वहीं दफ्तर पिछले 15 दिन से विभिन्न कामकाज के लिए चक्कर लगा रहे लाेगों का कहना है कि प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के दौरे वाले दिन (8 दिसंबर) के बाद डीटीओ मंगलवार, 20 दिसंबर की शाम पांच बजे दफ्तर पहुंची, जहां कुछ देर ठहरने के बाद वापस चली गईं।