नेशनल एजुकेशन पॉलिसी …?
पिछली बार 70 हजार स्टूडेंट्स थे तो प्रोजेक्ट वर्क से काम चलाया, इस बार डेढ़ लाख छात्र तो कैसे करवाएंगे इंटर्नशिप
- कॉलेजों ने अब तक छात्रों को इंटर्नशिप के लिए भेजना ही शुरू नहीं किया है…
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) लागू होने के बाद छात्रों को इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क, अप्रेंटिसशिप या कम्यूनिटी इंगेजमेंट में से किसी एक को करना अनिवार्य है। लेकिन, अब तक कॉलेजों ने छात्रों को इंटर्नशिप के लिए भेजना ही शुरू नहीं किया है। पिछली बार परीक्षा नजदीक आने पर आनन-फानन में छात्रों के समूह बनाकर प्रोजेक्ट वर्क करवाए गए थे और उसके बाद नंबर बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी को भेजे गए थे। इस वजह से परीक्षा परिणाम पर भी इसका असर पड़ा था।
इस बार भी भोपाल सहित आसपास के क्षेत्रों में स्थित काॅलेजों में यह स्पष्टता नहीं है कि कौन सा छात्र इंटर्नशिप करेगा और कौन प्रोजेक्ट वर्क। गौरतलब है कि पिछली परीक्षा में ज्यादातर छात्रों ने ऐनवक्त पर प्रोजेक्ट वर्क जमा किया था। काॅलेजों ने भी छात्रों को इंटर्नशिप आदि की जानकारी नहीं दी थी।
यदि नंबर लेट भेजे तो परीक्षा परिणाम पर पड़ सकता है असर
काॅलेजों में पिछले साल 80 फीसदी से भी ज्यादा छात्रों ने प्रोजेक्ट वर्क किए थे। उन्हें परीक्षा के पहले तक यह जानकारी भी नहीं थी कि उन्हें इस तरह का कोई काम करना है। इस वजह से हमीदिया सहित कई कॉलेजों ने छात्रों को समूह में बांटकर प्रोजेक्ट वर्क दिए थे।
इस बार भी ज्यादातर छात्रों के प्रोजेक्ट वर्क बनाने की स्थिति बन रही है, परीक्षा भी सिर पर है। एमवीएम के डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि छात्रों को जानकारी दी जा रही है। इंटर्नशिप पर भी कुछ छात्र जा रहे हैं। नवीन कॉलेज में ज्यादातर छात्रों को जानकारी ही नहीं है। यदि कॉलेजों से नंबर लेट भेजे तो इसका असर परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा।
इस बार छात्रों की संख्या ज्यादा-पिछले साल फर्स्ट ईयर के ही छात्र थे, लेकिन इस बार फर्स्ट और सेकंड ईयर के छात्र प्रोजेक्ट के पैटर्न पर परीक्षा में शामिल होंगे। बीयू से संबद्ध कॉलेजों में फर्स्ट और सेकंड इयर के छात्रों की संख्या करीब डेढ़ लाख है। पिछली बार इस दायरे में करीब 70 हजार छात्र थे।
जिम्मेदार बोले- पहले जैसी स्थिति न बने, निर्देश दे दिए हैं…
पहले जैसी स्थिति न बने, निर्देश दे दिए हैं…
काॅलेजों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि पहले जैसी स्थिति न बने। इसके लिए वे समय से इंटर्नशिप, प्रोजक्ट वर्क और अन्य काम कर लें। इस काम को गंभीरता से करना होगा, नहीं तो इसका असर परीक्षा परिणाम पर भी पड़ता है।
अरुण चौहान, रजिस्ट्रार, बीयू