मैदानी कोई होमवर्क नहीं, सब-रजिस्ट्रारों का गणित ”कागजी
”Gwalior Collector Guid line News: इस बार भी कलेक्टर गाइड लाइन में सब रजिस्ट्रारोंं ने होमवर्क नहीं किया है।
ग्वालियर. नई कलेक्टर गाइडलाइन में हर साल विसंगतियां दूर करने का कितना भी दावा कर लिया जाए, लेकिन सब रजिस्ट्रारों का कागजी होमवर्क सब हवा निकाल देता है। इस बार भी लोकेशन मर्ज, विसंगति दूर,कीमतों में ज्यादा अंतर न रखने जैसी बातें जरूर उप जिला मूल्यांकन समिति बैठक में होना शुरू हो गईं लेकिन मैदान पर हकीकत जानने के लिए कोई भी नहीं जा रहा है। 13 जनवरी को भी हुई बैठक में सब रजिस्ट्रारों ने पूरा गणित बता दिया लेकिन यह कौन तय करेगा कि यह हकीकत में तैयारी की गई या नहीं। उप जिला मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष लश्कर एसडीएम होते हैं, अपनी रूटीन व्ययस्तता के चलते यह संभव नहीं हो सकता कि वे मैदानी होमवर्क हो चेक करें लेकिन इसी बात का सबसे ज्यादा फायदा सब रजिस्ट्रार उठा लेते हैं। इसलिए हर बार जमीनों की कीमतों व विसंगति को लेकर कोई बड़ा लाभ न जनता को मिल पाता न ही समस्याएं खत्म होतीं
नई कलेक्टर गाइडलाइन में इस बार 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी करने की तैयारी है। अलग अलग लोकेशनों के हिसाब से 10 से 20 फीसद की बढ़त करने के लिए कार्ययोजना तैयारी है। कृषि भूमि में अधिकतम पांच फीसद बढोत्तरी हो सकती है। जमीन की कीमतों को बढ़ाने के पीछे कारण यह कि मौजूदा स्थिति में ग्वालियर में गाइडलाइन से 10 से 50 गुना अधिक पर रजिस्ट्री हो रहीं है,भोपाल से सब रजिस्ट्रारों को जो डाटा मिला है, उसमें ग्वालियर के सर्किल वन और सर्किल टू दोनों में 10 हजार से ज्यादा ऐसी लोकेशन हैं, जहां बढ़ी हुई गाइडलाइन से रजिस्ट्री हो रहीं हैं। वहीं इस नई कलेक्टर गाइडलाइन में नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे व प्रधानमंत्री योजना की सड़कों के किनारे की जमीनों को गाइडलाइन में लाया जाएगा,नगर निगम से लेकर गांवों तक की मुख्य सड़कों के आसपास की जमीन भी शामिल हाेंगी। इसके साथ ही नए ग्वालियर सिटी सेंटर से लेकर साडा, पुरानी छावनी में ऐसी कालोनियों की गाइडलाइन तय की जाएगी,जो शामिल नहीं थीं। पालीगन सर्वे में भी जमीनों का चिन्हांकन जारी है जिसमें गाइडलाइन ढांचे को छोटा किया जाना है। अब 24 जनवरी को फिर बैठक होना है।
यह हैं सब रजिस्ट्रार जिन्हें करना है होमवर्क
– दुष्यंत दीक्षित
-केएन वर्मा
-अशोक शर्मा
-कपिल व्यास
-मानवेंद्र सिंह भदौरिया