महारानी लक्ष्मीबाई के वंशजों पर लिखी जाएगी किताब …?

महारानी लक्ष्मीबाई के वंशजों पर लिखी जाएगी किताब
100 पन्नों की किताब में बताया जाएगा रानी की मृत्यु के बाद दत्तक पुत्र और वंशजों का क्या हुआ
झांसी की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र और वंशजों पर अब एक किताब लिखी जाएगी।

झांसी की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र और वंशजों पर अब एक किताब लिखी जाएगी। करीब 100 पन्नों की किताब में बताया जाएगा कि रानी की मृत्यु के बाद उनके वंशजों और दत्तक पुत्र का क्या हुआ।

झांसी डीएम रविंद्र कुमार की पहल पर पुरातत्वविदों की मदद से ये किताब लिखी जाएगी। पूरी किताब डॉक्यूमेंट्री एविडेंस पर आधारित होगी। किताब को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। आने वाले कुछ समय बाद किताब प्रकाशित हो जाएगी।

दत्तक पुत्र के बारे में पढ़ने को मिलेगा

ये तस्वीर झांसी डीएम रविंद्र कुमार की है। जिनकी पहल पर एक किताब लिखी जा रही है।
ये तस्वीर झांसी डीएम रविंद्र कुमार की है। जिनकी पहल पर एक किताब लिखी जा रही है।

झांसी डीएम रविंद्र कुमार बताते हैं कि “मुझे महारानी लक्ष्मीबाई की धरती पर काम करते हुए एक साल से ज्यादा का समय हो गया। लोगों के जहन में हमेशा एक प्रश्न रहता है कि रानी की दिव्गंत होने के बाद उनके वशंजों और दत्तक पुत्र दामोदर राव का क्या हुआ? जब पुरातत्वविदों से संपर्क किया तो रोचक कहानी निकलकर सामने आई।

तब मन में ख्याल आया कि इस पर एक किताब लिखी जानी चाहिए। इसलिए अब करीब 100 पन्नों की एक किताब लिखने की प्लानिंग बनाई है। किताब लिखने के लिए पुरातत्वविदों से संपर्क किया है।

जो भी डॉक्यूमेंट्री एविडेंस हो, जैसे- कुछ वंशजों को अंग्रेजी सरकार और बाद में भारत सरकार ने पेंशन दी थी। इस तरह डॉक्यूमेंट्री पर आधारित किताब लिखी जाएगी। जिससे लोगों के मन में जो भी शंकाएं या प्रश्न है, उनको दूर किया जा सके।”

झांसी के राजकीय संग्रहालय में लगी युद्ध की एक पेंटिंग।
झांसी के राजकीय संग्रहालय में लगी युद्ध की एक पेंटिंग।

वंशजों के काम पेंडिंग न रखें

डीएम ने बताया कि “महारानी लक्ष्मीबाई बुंदेलखंड ही नहीं, अपितु पूरे देश में महिला शक्ति की प्रतीक हैं। उनके साथ सैकड़ों सेनिकों ने कुर्बानी दी। सैनिकों के वंशज अब भी झांसी में निवास कर रहे हैं।

हमने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों काे कहा है कि अगर वंशजो के कोई भी काम पेंडिंग है तो अतिशीध्र कर दें। साथ ही स्वतंत्रता सेनानी, उनके परिवार और शहीदों के परिवारों के पेंडिंग काम जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए हैं।”

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