UP में नकल के कारोबार पर नकेल कसने की तैयारी ..?

 UP में नकल के कारोबार पर नकेल कसने की तैयारी, मामला नीति का नहीं नीयत का है
लॉ कमीशन के इस नए प्रस्ताव में 14 साल जेल और 25 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रस्ताव है. आयोग ने अपने प्रस्ताव में लिंकेज है कि नकल एक बड़ा कारोबार हो चुका है. इससे सरकारी संसाधन का नुकसान होता है.

Law Commission: UP में नकल के कारोबार पर नकेल कसने की तैयारी, मामला नीति का नहीं नीयत का है

यूपी में नकल पर नकेल कसी जाएगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक रैली गोंडा में थी. बात साल 2017 की है. उन दिनों यूपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा था. राज्य में अखिलेश यादव की सरकार थी. प्रधानमंत्री मोदी ने गोंडा की रैली में पहली बार यूपी में नकल माफिया का मुद्दा उठाया था. अखिलेश सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि यहां तो नकल का बिजनेस चलता है. ये करोड़ों का कारोबार बन गया है. यहां नकल करने की नीलामी होती है. परीक्षा केंद्र ठेके पर उठते हैं.

देश के कई हिस्सों में नकल और पेपर लीक होना बड़ी समस्या है. राजस्थान से लेकर बिहार तक इस पर आंदोलन होते रहते हैं. बच्चे और नौजवान सालभर तक तैयारी करते हैं और फिर कभी पेपर लीक हो जाता है तो कुछ लोग नकल के धंधे से सब चौपट कर देते हैं. नकल रोकने के लिए सबसे कड़ा कानून उत्तराखंड में है. इसी साल नकल रोकने के लिए राज्य सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है, जिसमें आजीवन कारावास से लेकर 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने की सजा है, पर ये कानून स्कूली परीक्षाओं के लिए नहीं बल्कि प्रतियोगी परीक्षा में होने वाली नकल पर लागू होता है.

नए प्रस्ताव में 14 साल की जेल

हरियाणा में पेपर लीक में दोषी को 7 साल की सजा तो आंध्र प्रदेश में 3 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है. राजस्थान में ऐसा करने वालों के लिए 3 साल जेल और जुर्माने का नियम है. यूपी लॉ कमीशन ने नकल रोकने और पेपर लीक होने से रोकने के लिए एक सख्त कानून का प्रस्ताव बनाया है. इस प्रस्तावित कानून से पेपर सॉल्वर गैंग पर नकेल कसने की भी तैयारी है.

लॉ कमीशन के इस नए प्रस्ताव में 14 साल जेल और 25 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रस्ताव है. आयोग ने अपने प्रस्ताव में लिंकेज है कि नकल एक बड़ा कारोबार हो चुका है. इससे सरकारी संसाधन का नुकसान होता है. आए दिन नकल और पेपर लीक होने की खबरें छपती रहती हैं. इससे परीक्षकों की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है और सरकार की छवि भी खराब होती है. लॉ कमीशन का ये प्रस्ताव अभी न्याय विभाग के पास है. वहां से हरी झंडी मिलने पर इसे विधानसभा और विधान परिषद में पेश किया जाएगा.

देश का अबतक का सबसे कठोर कानून होगा

दोनों सदनों से पास होने पर ये कानून बन जाएगा. नकल रोकने के लिए ये देश का अब तक का सबसे कठोर कानून होगा. लॉ कमीशन ने प्रस्ताव का नाम उत्तर प्रदेश पब्लिक एग्जामिनेशन गैंग ऐक्टिविटीज बिल 2023 रखा है. इसमें जिले के डीएम को नक़ल के कारोबार से कमाए धन से बनाई गई संपत्ति को कुर्क करने का भी अधिकार होगा. यूपी में नकल रोकने के लिए पहले से दो कानून हैं. कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे. बात साल 1998 की है. उन दिनों परीक्षकों के लिए नकल बहुत बड़ा मुद्दा था.

चुनाव के दौरान कल्याण सिंह ने नकल माफिया को बर्बाद करने का वादा किया था. सरकार बनते ही वे नया कानून लेकर आ गए. इस कानून को नाम दिया गया यूपी पब्लिक एग्जामिनेशन प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मिन्स एक्ट. उस साल बोर्ड की परीक्षा में बड़ी संख्या में बच्चे फेल हुए. टॉपर की लिस्ट में वही रहे जिन्होंने अच्छे नंबर के लिए खूब पढ़ाई की थी. कल्याण सिंह के जमाने से पहले 1991 में भी नकल रोकने के लिए कानून बना था. ये बात 1991 की है. ऐसे में सबके मन में बस एक ही सवाल है कि जब पहले से बने दो कानून न तो नकल रोक पाए और न ही पेपर लीक. फिर इस तीसरे कानून से क्या बदल जाएगा. जवाब तो बस एक ही है मसला नीति का नहीं नीयत का है.

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