घर में लगाई आग, फूंक दी गाड़ियां, हिंसा से सहमे परिवार ने छोड़ा मणिपुर ..!

 घर में लगाई आग, फूंक दी गाड़ियां, हिंसा से सहमे परिवार ने छोड़ा मणिपुर
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई से हुई थी. तब से लेकर अभी तक हिंसा की आग बुझी नहीं है. अब तक 100 लोगों से अधिक की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों घरों को जलाकर राख कर दिया गया है.
Manipur Violence : घर में लगाई आग, फूंक दी गाड़ियां, हिंसा से सहमे परिवार ने छोड़ा मणिपुर

3 मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक सैकड़ों घरो को आग के हवाले कर दिया गया है

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच लोगों का पलायन भी शुरू हो गया है. हिंसा को अपनी आंखों से देखने और सबकुछ गंवा देने के बाद कुछ लोग दूसरे राज्यों में शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं. लोगों को अपने ऊपर हमलों का डर सता रहा है. ऐसे उनके पास मणिपुर से बाहर निकलने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. इनमें से एक 33 साल के रॉबर्ट मैसनाम भी हैं जो हिंसा की डर से अपने गृह राज्य को छोड़ चुके हैं.

शांति की उम्मीद लेकर कुछ दिनों तक शिविर में रहे

रॉबर्ट ने कहा कि हिंसा में घर गंवा देने के बाद एक शिविर में कुल 25 लोग रह रहे थे. इस उम्मीद में कुछ दिनों तक वहां रहे कि स्थिति कुछ दिनों में सामान्य हो जाएगी लेकिन माहौल दिन पर दिन बिगड़ता ही चला गया. इसके बाद उन्होंने 26 मई को मणिपुर छोड़ने का फैसला किया. रॉबर्ट बताते है कि उनके पास तीन घर और कुछ गाड़ियां भी थी जो कि हिंसा की आंग में जलकर खत्म हो गईं.

पुणे में बहन के यहां रहने को मजबूर

दरअसल, रॉबर्ट के बहनोई चिंगथम आईटी पेशेवर हैं और ये 2002 से ही पुणे में रह रहे हैं. एक तरह से पुणे के निवासी हो गए हैं. रॉबर्ट ने कहा कि हिंसा की वजह से वो पूरी तरह से असहाय हो चुके है. वहीं, रॉबर्ट की बहन रोशनी कहती हैं, हम सिर्फ शांति चाहते हैं. मुझे खुशी है कि मैंने अपने परिवार को पुणे बुला सकी, लेकिन दूसरों के बारे में क्या? वे कहां जाएंगे?

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