नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के खड़गपुर की एक स्टील कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप को साइबर ठगों ने पांच दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और कानून का डर दिखाकर 49 लाख ऐंठ लिए। यूपी के लखनऊ में पंचायती राज से रिटायर बुजुर्ग को सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 19.50 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। दोनों ही मामलों का 19 नवंबर को खुलासा हुआ। तमाम जागरूकता अभियानों के बावजूद देश में हर दिन सैकड़ों लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लोगों को डिजिटल अरेस्ट को लेकर आगाह करने के बाद राज्यों की पुलिस ने चेतावनी जारी की। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट-इन) ने एक रिपोर्ट तैयार की। इसमें उन 14 तरीकों को हाईलाइट किया गया, जिनसे स्कैमर लोगों को शिकार बना रहे हैं।
इस रिपोर्ट को सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव व पुलिस प्रमुखों को भेजी गई है, ताकि इन सभी को लेकर लोगों को अवेयर किया जा सके। आइए हम आपको बताते हैं कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने साइबर फ्रॉड के कौन-से 14 तरीके ..
1. डिजिटल अरेस्ट: कानून का डर दिखाते हैं ठग
स्कैमर पुलिस या कस्टम अधिकारी बनकर फोन करते हैं। वे लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स कंसाइनमेंट जैसे आरोप में शामिल होने का दावा करते हैं। जिसके बाद लोग डरकर स्कैमर को पैसे भेज देते हैं।
2. फिशिंग स्कैम: जानी-मानी कंपनियों के नाम पर मेल
साइबर ठग नामचीन कंपनियों और सरकारी विभागों के नाम व लोगो का इस्तेमाल कर मैसेज भेजते हैं। उसमें केवाईसी करें, वर्ना अकाउंट बंद हो जाएगा। फर्जी लिंक पर जानकारी देते ही जालसाज लोगों के बैंक खाते खाली कर देते हैं।
3. जॉब स्कैम: फर्जी लिंक्स-मैसेज
देश में इस साल सबसे ज्यादा नौकरी के नाम पर ठगी के मामले दर्ज किए गए हैं। साइबर ठग फर्जी नौकरियों की भर्ती के मैसेज व लिंक्स भेजते हैं। लोग लिंक्स पर क्लिक कर आवेदन कर देते हैं। इसके बाद ठग फीस या ज्वाइनिंग किट के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं।
4. गलती से पैसे भेजने का स्कैम
साइबर ठग ऐसे मामलों में लोगों के पास रुपये क्रेडिट होने का फर्जी मैसेज भेजते हैं। फिर ठग गलती से पैसे आपके पास ट्रांसफर हो गए हैं, इमरजेंसी है, ऐसा कर पैसे लौटाने को कहते हैं। छानबीन किए बिना पैसे लौटाने के चलते लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं।
5. इमोशनल मैनिपुलेशन स्कैम
ठग मेट्रीमोनियल/डेटिंग एप या सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाते हैं। फिर धीरे-धीरे बात कर रिश्ते में सीरियस होने की बात कहते हैं। इमोशनल संबंध बनाने के बाद ठग इमरजेंसी होने की बात करते हैं। माहौल बनाते हैं। जैसे- मेडिकल इमरजेंसी। इस तरह झांसा देकर ठगी की जाती है।
6. लकी ड्रॉ स्कैम: टैक्स के बाद ही आएगा पैसा
साइबर ठग इस स्कैम में लॉटरी या लकी ड्रॉ प्राइज विनर का मैसेज भेजते हैं। मैसेज में प्राइज मनी का लालच दिया जाता है। जो लोग लालच में आ जाते हैं, वे क्लिक करते हैं। तब साइबर ठग राशि ट्रांसफर करने से पहले 5 से 10 फीसदी टैक्स के तौर पर देने के लिए कहते हैं।
7. पार्सल स्कैम: ड्रग्स मिलने की करते हैं बात
साइबर ठग लोगों को कॉल कर झांसा देते हैं। बताते हैं कि उनका कोई पार्सल आ रहा था, जिसमें ड्रग्स पाए जाने से उनका पार्सल जांच एजेंसी ने जब्त कर लिया है। इस मामले में उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। लोग डरकर ठग को भेजे ट्रांसफर कर देते हैं।
8. कैश ऑन डिलिवरी स्कैम: भेज देते हैं फर्जी सामान
साइबर ठग असली शॉपिंग एप जैसी मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। यहां से खरीदारी करने पर लोगों के पास फर्जी या गलत प्रोडक्ट पहुंचता है। जैसे मोबाइल खरीदने पर पत्थर या कुछ और।
9.इन्वेस्टमेंट स्कैम: 4 लाख पर दो करोड़ रिटर्न का वादा
साइबर ठग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पोंजी स्कीम में इन्वेस्ट करने पर बड़े रिटर्न देने जैसे- 4 लाख जमा करने पर दो करोड़ देने का झांसा देते हैं। झांसे में आकर लोग निवेश कर देते हैं। कुछ समय तक ब्याज मिलता है, उसके बाद कंपनी बंद कर ठग संपर्क खत्म कर देते हैं।
10. लोन व कार्ड स्कैम: बिना डॉक्युमेंट लोन का झांसा
ठग वेबसाइट और सोशल मीडिया पर कम दस्तावेजों में पर्सनल लोन व क्रेडिट कार्ड बनाने का दावा करते हैं। जब उनसे संपर्क किया जाता तो स्कैमर काम करवाने के लिए फीस देने को कहते हैं। जैसे ही रकम जमा होती है तो ठग संपर्क खत्म कर देते हैं।
11. फोन स्कैम: KYC के नाम पर ठगी
इस धोखाधड़ी अक्सर सब्सिडी जैसे मामलों में की जाती है। स्कैमर केवाईसी के नाम पर सरकारी अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और दस्तावेज जमा करने को कहते हैं। जानकारी हासिल करते ही स्कैमर अपने शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं।
12.सोशल मीडिया पर बदनामी
साइबर ठग किसी लड़की की मदद से लोगों को शिकार बनाते हैं। कॉल उठाते ही न्यूड लड़की नजर आती है। इस तरह की आपत्तिजनक वीडियो कॉल की रिकार्डिंग कर ली जाती है। बाद में बदनामी की धमकी देकर रिकॉर्डिंग के सहारे स्कैमर उन्हें निशाना बनाकर ठगी करते हैं
।13. टेक सपोर्ट स्कैम: वायरस के नाम पर ठगी
साइबर ठग कस्टमर केयर या टेक्निकल सपोर्ट देने वाली फर्जी वेबसाइट के जरिए ठगी करते हैं। इन वेबसाइट पर क्लिक करने के बाद स्कैमर कॉल कर झांसा देते हैं कि उनके सिस्टम में वायरस है। वे लोगों को लिंक पर क्लिक करवाकर, सिस्टम तक पहुंच प्राप्त करके और जानकारी एकत्र करके धोखा देते हैं।
14. फेक चैरिटी अपील स्कैम
इन मामलों में साइबर ठग प्राकृतिक आपदा के नाम पर ठगी करते हैं। इसमें लोगों से मदद के लिए दान देने की अपील की जाती है। स्कैमर लोगों की सहानुभूति का फायदा उठाकर क्राउड फंडिंग कर पैसे ठग लेते हैं। इसमें गरीब के इलाज में मदद के नाम पर भी ठगी की जाती है।