क्या ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करेगा इजराइल?
क्या ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला करेगा इजराइल? IDF का ‘ट्रूथफुल प्रॉमिस-2’ जल्द हो सकता है लॉन्च
ईरानी बॉर्डर के पास इजराइल के F-35 फाइटर जेट उड़ान भर रहे हैं, जिसे देखते हुए ईरान में हाई अलर्ट है. एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. लेबनान में भी इजराइल के टैंक पिछले 8 दिनों से हिजबुल्लाह के ठिकानों को ध्वस्त कर रहे हैं. ईरान और इजराइल के बीच तनाव के बाद परमाणु हमले की चर्चा भी तेज हो गई है.
ईरानी की परमाणु शक्ति पूरे विश्व के लिए बड़ी चिंता है. ये भी एक सच है कि ईरान पिछले कुछ सालों से लगातार तेजी से अपनी परमाणु ताकत बढ़ा रहा है. ईरान का परमाणु कार्यक्रम 1950 के दशक में शुरू हुआ था, लेकिन ये तब सुर्खियों में आया जब पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया कि ईरान परमाणु हथियारों के विकास की दिशा में बढ़ रहा है. माना जा रहा है कि इजराइली सेना अपने ‘ट्रूथफुल प्रॉमिस-2’ ऑपरेशन को जल्द लॉन्च कर सकती है.
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि ईरान ने परमाणु हथियार विकसित किए हैं. यही वजह है अमेरिका और इजराइल दोनों ईरान के परमाणु तेवर से घबराए हुए हैं. इसी वजह से परमाणु अटैक वाले बयान दिए जा रहे हैं, लेकिन इजराइल के लिए ईरान पर परमाणु अटैक आसान क्यों नहीं आपको बताते हैं.
इजराइल के लिए क्यों आसान नहीं है ईरान पर परमाणु हमला?
- ईरान के परमाणु ठिकाने भूमिगत और पहाड़ी क्षेत्रों में छिपे हुए हैं, बंकर-बस्टर बमों से भी इन्हें नष्ट करना मुश्किल है.
- ईरान के परमाणु अड्डे इजराइल के एयरबेस से लगभग 2000 किलोमीटर दूर है, मतलब ये कि इजराइली लड़ाकू विमानों को हमले के लिए रिफ्यूलिंग करनी पड़ेगी.
- सिर्फ इतना ही नहीं इजराइली एयरक्राफ्ट को ईरान की न्यूक्लियर अड्डे तक पहुंचने के लिए सऊदी अरब, सीरिया जैसे मुल्कों के हवाई क्षेत्र से गुजरना होगा.
- इसके अलावा ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को इतनी जगहों पर फैला दिया है कि उसे पूरी तरह से नष्ट करना असंभव हो गया है.
इसके अलावा ईरान ने मिसाइल और ड्रोन ठिकानों को जमीन के नीचे और पहाड़ों के बीच छिपा रखा है. ऐसे में, इजराइल के लिए ईरान के मिसाइल और ड्रोन ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट करना संभव नहीं है. वो इन्हें थोड़ा बहुत नुकसान जरूर पहुंचा सकता है. इस स्थिति में इजरायल के पास एक विकल्प ईरान के एयर डिफेंस ठिकानों पर हमला करने का है.
परमाणु अटैक वाली चर्चा
- ईरान पर कभी भी हो सकता है विध्वंसक हमला
- हमले के लिए इजराइली वॉर कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है
- IDF का ऑपरेशन ‘ट्रूथफुल प्रॉमिस-2’ जल्द लॉन्च हो सकता है
ईरान पर बड़े हमले का अलर्ट
- ईरानी बॉर्डर के नजदीक दिखे F-35 फाइटर जेट्स
- फारस की खाड़ी में उड़ान भर रहे 4 F-35 फाइटर जेट्स
- ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम रेडी टू अटैक मोड में
अब बात करते हैं लेबनान में इजरायल के ग्राउंड ऑपरेशन की, जहां पिछले 8 दिनों से लगातार हमले हो रहे हैं. इजराइल की सेना हवाई के साथ-साथ जमीन के जरिए भी लेबनान में घुसपैठ कर चुकी है और वहां हिजबुल्लाह के लड़ाकों को खोज-खोज कर उनका खात्मा कर रही है.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने से जब पूछा गया कि क्या वो इजराइल की ओर से ईरान के परमाणु सेंटर पर हमले का समर्थन करेंगे तो उन्होंने ना में जवाब दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे लगता है कि वहां हम इजराइलियों के साथ चर्चा करेंगे कि वे क्या करने जा रहे हैं. लेकिन हम सातों लोग इस बात से सहमत हैं कि उनके पास है प्रतिक्रिया देने का अधिकार है.