जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार ?
विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त, आखिरी दिन जल जीवन मिशन की गड़बड़ियों पर हंगामा, कांग्रेस के साथ भाजपा विधायक भी आक्रोशित
विधानसभा में शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन जल जीवन मिशन में हुई गड़बड़ियों को लेकर जमकर हंगामा हुआ। खास बात ये रही कि विपक्ष से ज्यादा सत्तापक्ष के विधायक जल जीवन मिशन के अधूरे पड़े कामों और इसके कारण गांव-गांव में खुदी पड़ी सड़कों को लेकर आक्रोशित दिखे।
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने सरकार पर तीखे हमले भी किए। विधायकों ने कहा कि कहीं नलों में पानी नहीं तो कहीं लीकेज की समस्या है। पाइप घटिया हैं और लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों से बुरा हाल है।
इस दौरान सभापति राजेंद्र पांडेय ने पीएचई मंत्री संपतिया उइके का बचाव करते हुए हंगामा शांत करने की कोशिश की। वहीं, भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने सर्वदलीय जांच कमेटी बनाने का सुझाव दिया, जिसका विपक्ष ने समर्थन किया। लेकिन मंत्री ने यह कहकर बात टाल दी कि विधायक स्वतंत्र हैं। वे अपने स्तर पर जांच कर हमें जानकारी दे दें। जहां कमी हैं, वहां सुधार कराएंगे।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पिछले सत्र में संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा एक माह के भीतर जांच कराने का आश्वासन याद दिलाते हुए कहा कि जांच करा ली गई हो तो सदन को बताया जाए, जिस वक्त यह बात उठी तब विजयवर्गीय सदन में मौजूद नहीं थे।
हर जगह ये दिक्कत… नल जल के लिए सड़कें खोदीं, लेकिन रेस्टोरेशन किया ही नहीं
प्रदेशभर में योजना का ऑडिट करवाएं मंत्री : गोपाल भार्गव भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने कहा कि नल-जल योजना में सड़कों को खोदकर खराब करने की समस्या प्रदेश के सभी 52 हजार गांवों की है। मंत्री को मेरा सुझाव है कि निष्प्क्षता से प्रदेशभर में इसका ऑडिट करवाएं। तभी वास्तविक स्थिति उन्हें पता चलेगी। यह पक्ष-विपक्ष का मुद्दा नहीं है, ये एक अच्छी योजना है, लेकिन काम गड़बड़ नहीं होना चाहिए।
अब तो सत्ता पक्ष के विधायक भी यह मुद्दा उठा रहे : सिंघार नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि पिछले सत्र में भी नल जल योजनाओं में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा था। सत्तापक्ष के विधायक विजय पाल की बात पूरी तरह सच है कि नल जल के लिए खोदी सड़कें अब भी खुदी पड़ी हैं। अब तो सत्तापक्ष के विधायक भी यह मुद्दा उठा रहे हैं। सत्तापक्ष के सदस्य भार्गव जी कह रहे हैं कि विधायकों की जांच कमेटी बनाओ, तो बनानी चाहिए। इसमें क्या दिक्कत है?
पहले भी जांच कराई थी, अब फिर से करा लेंगे : मंत्री उइके पीएचई मंत्री संपतिया उइके ने कहा कि पिछली बार सदन में मिली शिकायतों के बाद हमने अधूरे कामों की समीक्षा की, जांच कराई। तब पूरे प्रदेश में 7,661 किमी सड़कें टूटी हुई थीं। इनमें से 6371 किमी रोड ठीक कर दी हैं। 1299 किलोमीटर बनाना अभी शेष है। सोहागपुर में 274 योजनाएं स्वीकृत हैं। 161 में काम चल रहा है। भार्गव जी की बात को गंभीरता से लेकर फिर से जांच कराएंगे।