मई से दौड़ेगी इंदौर-धार ट्रेन ?
चार रेलवे स्टेशन का 70% काम पूरा, टनल की फिनिशिंग हो रही है।
- टिही-धार सेक्शन का काम मई तक पूरा होगा।
- 2.9 किमी लंबी टनल की फिनिशिंग चल रही है।
- सागौर से मल्टी लॉजिस्टिक पार्क की कनेक्टिविटी।
इंदौर। वर्षों पुराना इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट में पिछले दो वर्षो से युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। 204 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट को अलग-अलग सेक्शन में पूरा किया जा रहा है। इंदौर-टिही सेक्शन पर रेल कनेक्टिविटी होने के बाद अब टिही से धार सेक्शन का काम चल रहा है। इस सेक्शन को मई माह तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस काम को पूरा करने के लिए एक हजार कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं। इसी सेक्शन में 2.9 किमी लंबी टनल की फिनिशिंग का काम चल रहा है। टिही-धार सेक्शन 46 किमी के हिस्से में रेल लाइन बिछाने, अर्थवर्क, स्टेशन भवन, आरओबी, अंडर पास आदि बनाने काम तेजी से पूरा किया जा रहा है।
मई तक पूरा करने का लक्ष्यपश्चिम रेलवे ने इस सेक्शन को पूरा करने का मई माह तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। सेक्शन में टिही से पीथमपुर के बच 8 किमी हिस्से में पटरी बिछाने का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। पीथमपुर से सागौर तक 9.12 किमी में भी पटरी बिछाने काम पूरा हो चुका है।
सागौर से गुनावद तक 15.24 किमी हिस्से भी पटरी बिछाने काम हो चुका है। गुनावद से धार तक 14.02 किमी के हिस्से में अथवर्क का काम पूरा होकर पटरी बिछाने का काम चल रहा है।
हर दिन छह मीटर तैयार हो रही टनलटनल बनने के बाद अब फाइनल फिनिशिंग की जा रही है। प्रायमरी सपोर्ट के बाद अब पर्मारेंट सपोर्ट के लिए फाइनल लाइनिंग की जा रही है। पानी का रिसाव रोकने के लिए जेंट्री के माध्यम से वाटरप्रुफ जियो टैक्सटाइल और मेमरीन लगाई जा रही है। ताकि पानी का रिसाव न हो। इसके बाद भी पानी का रिसाव होने के लिए ड्रेन लाइन भी बनाई है।
हर दिन छह मीटर में फिनिशिंग का काम किय जा रहा है। फिनिशिंग के बाद ब्लास्टलेस ट्रैक बिछाया जाएगा। कुल मिलाकर अप्रैल-मई माह ही टनल पूरी तरह से तैयार हो पाएगी।
मल्टी लाजिस्टिक पार्क कनेक्टिविटीसागौर रेलवे स्टेशन से ही मल्टी लाजिस्टिक पार्क के लिए रेल लाइन की कनेक्टिविटी रहेगी। स्टेशन से पार्क करीब तीन किमी दूर बन रहा है। हाइटेंशन लाइन ने रोका काम सागौर रेलवे स्टेशन से करीब 2 किमी आगे सुलावट में ट्रैक के पर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। ट्रैक और लाइन के बीच ऊंचाई कम होने के कारण रेलवे ने यहां काम रोक दिया है।
पांच हाइटेक मेक मशीन का कामइस लाइन को शिफ्ट करने के लिए बिजली कंपनी के लिए बात चल रही है। सबसे बड़ा आरओबी एनएच47 पर इस सेक्शन में तीन बड़ी आरओबी बनाएं जा रहे हैं। जिसमें एक आरओबी मानपुर-लेबड़ फोरलेन पर एकलदुना में बन रहा है। जिसे पूरा करने के लिए एक साथ पांच हाइटेक मेक मशीन का काम एक साथ किया जा रहा है। इसके साथ ही दो बड़े आरओबी एनएच47 सिक्स लेन पर गुनावद और नौगावं में बन रहे है।
तिही-धार सेक्शन एक नजर में..
- माइनर ब्रिज 56
- मेजर ब्रिज 17
- अंडरपास 20