यही कारण है कि इस बार केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा साल 2021-22 के स्कूली शिक्षा पर परफार्मिंग ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) की सूची में 13 राज्यों को आकांक्षी-1 का ग्रेड मिला है। इसमें मध्यप्रदेश सातवें स्थान पर है। कुल स्कोर के लिहाज से देखा जाए तो देश में मध्यप्रदेश 20वें स्थान पर है।

स्कूलों में सीखने की क्षमता और शैक्षणिक गुणवत्ता में मध्यप्रदेश को 240 में से 72.8 अंक मिले हैं। दूसरी तरफ मप्र, स्कूल अधोसंरचना की श्रेणी में काफी पीछे है। स्कूलों की परफार्मेंस के आधार पर एक हजार में से अंक दिए गए हैं।

प्रचेष्टा-2 में पंजाब और चंडीगढ़ शामिल है। प्रचेष्टा–3 में छह राज्य हैं जिसमें दिल्ली, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी व तमिलनाडु शामिल हैं। मध्यप्रदेश 13 राज्यों के साथ आकांक्षी-1 श्रेणी में है। इन राज्यों को एक हजार में से 521 से 580 तक अंक मिले हैं। इसमें मध्यप्रदेश को 1000 में से 522 अंक मिले हैं। इस हिसाब से प्रदेश देश में 20 वें स्थान पर है। वहीं शैक्षणिक समानता (इक्विटी) में प्रदेश उत्कर्ष श्रेणी में है। हमारा पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ देश में सातवें स्थान पर है।

छह कैटेगरी में स्कूली शिक्षा को बांटा गया
केंद्रीय मंत्रालय ने सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा में परफार्मेंस को छह कैटेगरी में रखा है। यह कैटेगरी लर्निंग आउटकम एंड क्वालिटी, एसेस, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड फैसिलिटी, इक्विटी, गवर्नेंस प्रोसेस और टीचर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग हैं। इसी तरह राज्यों के स्कूलों को परफार्मेंस के अंकों के आधार पर 10 श्रेणियों में बांटा गया है। इन श्रेणियों में दक्ष, उत्कर्ष, अति उत्तम, उत्तम, प्रचेष्टा 1,2,3 और आकांक्षी,1, 2, 3 शामिल है।
मध्यप्रदेश को किसमे कितने अंक मिले
मध्यप्रदेश को लर्निंग आउटकम एंड क्वालिटी में 240 में से 72.8 अंक मिले, जिसमें प्रदेश प्रचेष्ठा–3 में है। वहीं, ऐसेस कैटेगरी यानी शाला त्यागी, नामांकन व एनईपी के लक्ष्यपूर्ति में 80 में से 50.2 अंक मिले। इसमें मध्यप्रदेश उत्तम स्थान पर है। इंफ्रास्ट्रक्चर में 190 में से 57.3 अंक के साथ प्रचेष्टा–3 स्थान पर है। इक्विटी में 260 में से 222.2 अंक के साथ उत्कर्ष श्रेणी में है। गवर्नेंस प्रोसेस में 130 में से 55.2 अंक के साथ प्रचेष्टा–2 श्रेणी में है। टीचर एजुकेशन एंड ट्रेनिंग में 100 में से 64.7 अंक के साथ उत्तम श्रेणी पर है।
इनका कहना है
स्कूली शिक्षा में लर्निंग आउटकम्स एंड क्वालिटी में इस बार प्रदेश की स्थिति बेहतर है। इंफ्रास्ट्रक्चर और कुछ श्रेणी में अंक कम मिले हैं। रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है। सुधार के पूरे प्रयास किए जाएंगे।
धनराजू एस, संचालक,राज्य शिक्षा केंद्र