ग्वालियर। सालों से ग्वालियर में जमे पुलिस अधिकारी अब नए ठिकाने ढूंढ रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले इन्हें ग्वालियर से जाना पड़ेगा, इसके चलते अब पहले ही ऐसे पुलिस अधिकारी नए ठिकानों की तलाश में लग गए हैं, जहां यह पहले रह चुके हैं या फिर जहां के वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के यह करीबी हैं। जल्द ही ऐसे कुछ अधिकारियों की रवानगी भी शुरू हो सकती है।आगामी माह में यह परिवर्तन होना शुरू हो जाएंगे। विधासभा चुनाव से कुछ माह पहले ग्वालियर पुलिस की लगभग पूरी टीम ही बदल जाएगी।

दरअसल चुनाव से पहले तीन साल से अधिक समय से एक ही जिले में तैनात पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाता है। मध्यप्रदेश में उपचुनाव भी हुए थे, इसलिए ऐसे पुलिस अधिकारी भी इस बार शामिल रहेंगे जो उपचुनाव में यहां तैनात रहे होंगे। ग्वालियर में ऐसे कई पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें तीन से लेकर चार साल तक हो चुकी है। इसके चलते अब यह लोग नए ठिकानों की तलाश में हैं। कुछ पुलिस मुख्यालय तो कुछ पुलिस अधिकारी माननीयों से संपर्क कर रहे हैं।

ग्वालियर में डीएसपी, निरीक्षक से लेकर वह एसआइ जो लंबे समय से थानों के प्रभार संभाल रहे हैं, वह इस नियम के तहत चुनाव से पहले हटाए जाएंगे। इसलिए अभी से यह लोग अपना गणित बैठा रहे हैं। कुछ पुलिस अधिकारी मुरैना, भिंड, शिवपुरी की ओर रुख कर सकते हैं तो कुछ पुलिस अधिकारी इओडब्ल्यू, लोकायुक्त पुलिस और पुलिस की अन्य शाखाओं में रहकर ग्वालियर में ही बने रहने की जुगाड़ बैठा रहे हैं। चुनाव से पहले ग्वालियर में पदस्थ डीएसपी रैंक के करीब चार पुलिस अधिकारी, दस निरीक्षक और थानों का प्रभार संभाल रहे करीब आधा दर्जन उपनिरीक्षक ग्वालियर से रवाना होंगे।

उपायुक्त के निरीक्षण में गंदी मिली नालियां

निगम उपायुक्त मिनी अग्रवाल और क्षेत्रीय पार्षद संजय सिंघल ने वार्ड 43 के बालाबाई का बाजार, दौलतगंज, जैन मंदिर के पास, गश्त का ताजिया, दही मंडी आदि इलाकों का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां पर पाई गई कमियों को तत्काल दूर करने के निर्देश कर्मचारियों को दिए। इस दौरान वार्ड के अधिकतर इलाकों में नालियां गंदी मिलीं। इन नालियों की सफाई नहीं की जा रही थी। इस पर उपायुक्त ने निर्देश दिए कि पांच दिन के अंदर यानी आगामी बुधवार तक सारी गलियों की नालियों को साफ कर दिया जाए। यदि नालियां साफ नहीं होती हैं, तो वार्ड हेल्थ आफिसर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।